सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को लगाया चूना, फर्जी बैंक खाते खोलकर हड़प ली स्कॉलरशिप

एक तरफ भारत सरकार अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को सहूलियत देने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना चला रही है जिससे उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आये. लेकिन भारत सरकार की इस योजना पर पानी फेरने के लिए भ्रष्ट लोगों ने नया तरीका निकाल लिया है. हाल ही में मुरादाबाद से फर्जीवाड़े का नया मामला सामने आया है. जहाँ कई जिलों में फर्जी बैंक खाते खोलकर करोड़ों की स्कॉलरशिप हड़प ली गयी.

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आइये जानें कैसे हुआ ये खेल-

पुलिस की विवेचना में उजागर हुआ है कि छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए गैंग ने जिन शिक्षण संस्थाओं और बच्चों के नाम का इस्तेमाल किया, वह सभी फर्जी थे। गैंग में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस ने अमरोहा के एक पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है।

सरकार ने छात्रवृत्ति में घोटाला रोकने के लिए रकम सीधा बच्चों के बैंक खातों में ट्रांसफर करना शुरू किया लेकिन घोटालेबाजों ने उसका भी तोड़ ढूंढ निकाला। मामला तब खुला जब अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय की ओर से वजीफे के लिए छात्रों की सूची अग्रसारित करने वाली कुछ संस्थाओं पर संदेह जताते हुए इनकी जांच कराई गई।

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जांच में पता चला कि मुरादाबाद की तीन, अमरोहा की पांच और संभल की 12 शिक्षण संस्थाएं फर्जी हैं। वजीफा हड़पने के लिए ये सिर्फ कागजों में चल रही हैं। निदेशालय की इस जांच के आधार पर अमरोहा में कोतवाली नगर, डिडौली और धनौरा में अमरोहा के तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हेमराज सिंह की ओर से तीन मुकदमे दर्ज कराए गए। इसी तरह संभल में भी हयातनगर थाने में दो और नखासा थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया। लेकिन मुरादाबाद जिले में इस बाबत कोई एफआईआर ही दर्ज नहीं कराई गई।

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