सरकार की नई पहल ! शिक्षा में लाएगी सुधार, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को दी जाएगी ट्रेनिंग…

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी ट्रेनिंग से अपग्रेड किया जाएगा। वहीं नई शिक्षा नीति के तहत इसकी योजना बनाई गई है। इसके अलावा, शिक्षक बनाने की पढ़ाई वाले पाठयक्रम में बदलाव के लिए कमेटी काम कर रही है।

 

बतादें की पाठ्यक्रम में रोजगार बढ़ाने वाले विषयों को बाजार की मांग के आधार पर शामिल किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह बात शुक्रवार को एनसीटीई मुख्यालय के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर कही।

 

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देखा जाये तो द्वारका सेक्टर-10 स्थित एनसीटीई मुख्यालय में निशंक ने बच्चों को पुस्तकें देकर सम्मानित भी किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने ऑनलाइन टीचर-प्यूपल रजिस्ट्रेशन पोर्टल लांच किया। अब बीएड समेत अन्य कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों को डिग्री वेरिफिकेशन के लिए इंतजार नहीं करना होगा। डिग्री वेरिफिकेशन ऑनलाइन हो जाएगा।

वहीं कार्यक्रम में निशंक ने कहा कि 15 लाख सरकारी स्कूलों में 90 लाख शिक्षक पढ़ाते हैं। वर्षों से स्कूलों में सेवाए दे रहे शिक्षकों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्हें आधुनिक ट्रेनिंग दी जाएगी। देशभर में बीएड समेत शिक्षक बनाने वाले कोर्स की पढ़ाई कराने वाले 19 हजार कॉलेज हैं। इनसे प्रतिवर्ष 19.5 लाख छात्र पासआउट होते हैं।

लेकिन जहां शिक्षक की जरूरत महज पौने तीन से तीन लाख है। ऐसे में अन्य छात्रों को रोजगार से जोड़ना थोड़ा मुश्किल है। निशंक ने कहा कि करीब 25 करोड़ छात्र देशभर में पढ़ाई कर रहे हैं। इसलिए शिक्षकों के खाली पदों को भरा जाएगा, ताकि छात्रों को गुणवत्तायुक्त अच्छी शिक्षा मिल सके।

वहीं इससे पहले एनसीटीई अध्यक्ष सतवीर वेदी ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। एनसीटीई भवन के निर्माण में 38 करोड़ रुपये खर्च आया है। मुख्यालय के इसी भवन में एनसीटीई के चारों रीजनल ऑफिस भी काम करेंगे।

दरअसल दिल्ली को स्वच्छ बनाने की मुहिम के तहत मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निंशक ने शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशन से द्वारका सेक्टर-21 तक एयरपोर्ट मेट्रो में अपना पहला सफर किया।

लेकिन उन्होंने इस दौरान यात्रियों के साथ सेल्फी भी खिंचवाई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर कोई अपने निजी वाहन से चलने की बजाय मेट्रो से सफर शुरू करे तो प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा। इसलिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए।

 

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