
रिपोर्ट – सतीश कुमार
बाराबंकी। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं ये हाल तब है जब जिला मुख्यालय स्थित जिला हॉस्पिटल और यहां के ट्रामा सेंटर में आये मरीजों का बुरा हाल हैं , इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में आये मरीजों का स्ट्रेचरों पर न सिर्फ इलाज होता हैं।
बल्कि ग्लुगोस डिप चढ़ाने के लिए भी हॉस्पिटल के पास स्टैंड नही हैं जिसके चलते डिप की बोतलों को दीवार में लगी खूंटी में टांग दिया जाता हैं , ट्रामा सेंटर में 42 बेड सहित हास्पिटल 140 बेड का जिला चिकित्सालय होने के साथ ही 40 डॉक्टरों का स्टॉप भी हैं ।
बावजूद ओपीडी में मरीजों का हाल बुरा रहता हैं लंबी लगी ये लाइन आप देखिए जो सुबह से लेकर दोपहर बाद भी ऐसे ही रहता हैं दरअसल 40 डॉक्टरों के स्टॉप में कुछ ही डॉक्टर रहते है बाकी का पता नही रहता, ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर पर एक दो मरीज नहीं होते हैं।
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बल्कि आधा दर्जन से अधिक मरीज स्ट्रेचर पर होते है और उनसे छुटकारा पाने के लिए यहाँ से फौरन लखनऊ रेफर कर देते हैं ट्रामा सेंटर में जो बेड मरीजों के लिए हैं भी तो उनका भी हाल देखिये जहां मरीज को आराम की जरूरत होती हैं वहां किसी के आने जाने के लिए कोई रोक नही हैं जिसके चलते मरीजो की संख्या कम तीमारदार भरे पड़े दिखाई दे रहे हैं हॉस्पिटल में कोई भी सुरक्षा गार्ड नही मौजूद दिख रहा तभी तो यहां स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं।