समय पर मिलेगी भारत को उसकी ताकत: रूस

नई दिल्ली। रूस ने बुधवार को कहा कि भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणालियां देने में कोई देरी नहीं होगी और इस सौदे के लिए भुगतान के तरीके पर काम किया जा रहा है. रूस के उपविदेशमंत्री सरजेई रयाबकोव ने कहा कि मिसाइल प्रणालियां भारत की वायु रक्षा क्षमताओं में काफी बढोत्तरी करेंगी.

पिछले सप्ताह, सरकार ने लोकसभा को जानकारी दी थी कि उसे अगले वर्ष अक्टूबर से रूस से मिसाइल प्रणालियां मिलनी शुरू हो जाएंगी और अप्रैल 2023 तक आपूर्ति का काम पूरा हो जाएगा. भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस के साथ 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल प्रणालियां खरीदने का समझौता किया था. अमेरिकी चेतावनी के बावजूद भारत ने यह सौदा किया था.

अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने के बीच, सौदे के भुगतान तंत्र को लेकर चिंताएं थीं. रयाबकोव ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘भारत बिना किसी देरी के सहमति के अनुसार समय पर मिसाइलें प्राप्त करेगा. और, आपकी (भारत की) राष्ट्रीय सुरक्षा में बहुत बढोत्तरी होगी.’’

एस 400 मौजूदा दौर का बेहतरीन मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. ये अमेरिका के थाड मिसाइल सिस्टम से बेहद अधिक मारक क्षमता वाला है. ये जमीन से हवा में मार करने वाले सिस्टम से लैस है. रूस के अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने इसे विकसित किया है. ये S-300 सीरीज का एडवांस वर्जन है. इसकी रेंज 400 किलोमीटर और ऊंचाई 30 किलोमीटर की है.

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भारत के पास अभी ऐसी सिर्फ दो मिसाइलें बराक और आकाश हैं. दोनों की रेंज 100 किमी से ज्यादा नहीं है. ऐसे में एस 400 से ताकत भारत की ताकत में बहुत ज़्यादा इजाफा होगा. ये मिसाइल सिस्टम 5 मिनट में हमले के लिए तैयार हो जाता है. वहीं, ये एक साथ 100 टारगेट पर निशाना साध सकता है. चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों से निपटने में ये बेहद कारगर साबित हो सकता है.

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