समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में हुआ फैसला , सभी चार आरोपियों बरी

नई दिल्ली : समझौता ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला आया है। वही हरियाणा की पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट ने पाकिस्तान की महिला राहिला वकील की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सभी चार आरोपियों असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया गया है।

ब्लास्ट

 

वही समझौता ब्लास्ट में अपने पिता को खोने वाली पाकिस्तानी महिला राहिला वकील ने एनआईए कोर्ट में अर्जी दी थी। जहां राहिला वकील ने भारतीय एडवोकेट मोमिन मलिक के जरिए अर्जी दाखिल कर इस केस में गवाही देने की अनुमति मांगी थी।

जानिए विजय माल्या से कैसे अलग है नीरव मोदी का केस

बता दें की 18 मार्च की सुनवाई में एनआईए कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा था। पाकिस्तानी पीड़िता राहिला वकील की अर्जी पर आज फैसला सुनाते हुए इसे खारिज कर दिया। अब पाकिस्तानी गवाहों को गवाही देने का मौका नहीं मिलेगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि एक और यूपीए समय का झूठा मामला खत्म होता है।

जानिए क्या था मामला –

खबरों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक बम धमाका हुआ था। जहां हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी। देखा जाये तो ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे। वही ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी।

दरअसल धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। जहां मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवेकर्मी भी शामिल थे। इस हमले का आरोप असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पूंचकूला पर था और इन सभी पर पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट में केस चल रहा है। इस केस में कुल 302 गवाह थे।

LIVE TV