जानें यह शख्स कैसे बना दुनिया का सबसे बड़ा डॉन, बेटी को ठंड से बचाने में फूंके करोड़ो

डॉननई दिल्ली। अक्सर सच हमारी कल्पना से परे होता है। ऐसा ही एक सच जो लोगों की सोच से परे था सामने आया जब एक 20 साल के युवा ने दुनिया की आँखों में धूल जोंककर दौलत, शौहरत और ताकत तीनों हासिल कर ली। दुनिया में पैसा और नाम कमाने के लिए कुछ लोग सही रास्तें पर चलते है तो कुछ गलत। ताकत, शौहरत और पैसे की चकाचौंध इंसान को अक्सर अंधा कर देती है। इसका जीता जागता उदहारण है अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया किंग पाब्लो एस्कोबार जिसने  80 के दशक में अमेरिका की नाक में दम  कर दिया था।

गरीबी में बीता पाब्लो का बचपन

पाब्लों एस्कोबार का जन्म एक ग्रामीण किसान के घर में हुआ था जहां न बिजली और ना ही पानी था। उसे मजबूरन अपनी पढाई छोडनी पड़ी क्योंकि उसके पास फीस जमा करने के पैसे नहीं थे। उसके अपराध का सफर तब से शुरू हुआ जब उसने भूख मिटाने के लिए कब्र के पत्थरों को चुराकर तस्करों को बेचना शुरु कर दिया।

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करोडपति बनने की चाहत

पाब्लो एक चालबाज़ के रूप में आगे बढ़ता जा रहा था। उसने छोटे-छोटे घोटालों, नकली लॉटरी टिकटों के साथ ही लोगों से नकदी लूटना भी शुरू कर दिया। समर्पण और छल के जरिये 22 वर्ष की उम्र में ही वह एक करोड़पति बन गया था।

माफिया किंग बनने का सफर

पाब्लो ने दक्षिण फ्लोरिडा, अमेरिका और कैलिफोर्निया में तस्करी के अधिक से अधिक रास्तें बना लिए थे। उसने बहामास में एक नया द्वीपीय पारगमन शिपमेंट प्वाइंट विकसित किया जिसे नौरमेंसकेय कहते हैं, जिसे 1978-1982  तक मेडेलिन कार्टेल के लिए तस्करी के केंद्रीय मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया गय़ा। अपनी नशीली दवाओं के कुख्यात नेटवर्क के लिए वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाना-पहचाना नाम बन गया था।

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पैसे स्वीकार करो या गोलियों का करो सामना

वह पैसे स्वीकार करो या गोलियों का सामना करो की नीति पर काम करता था, जिसके जरिये उसने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन इसके साथ ही उसने कोलंबिया के मेडेलिन शहर के गरीब लोगों की सहायता करके उनके बीच रॉबिन हुड की छवि बना ली थी।

जीवन को आलीशान बनाया

26 वर्ष की आयु में पाब्लों ने मारिया विक्टोरिया से शादी की, जिससे उसके दो बच्चे थे- जुआन और मैनुएला। उसने अपने परिवार के लिए हैसियेंदा नैपोलेस नाम का एक आलीशान एस्टेट तैयार करवाया, जिसमें चिड़ियाघर, झील और विलासिता की तमाम सुविधाएं थी।

अलिशान ला-कैटेड्रल जेल का जीवन

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लुइस कार्लोस गैलान की हत्या के आरोप में सरकार ने एस्कोबार को आत्मसमर्पण के बदले कम सजा और विशेष प्रकार की सुविधा की पेशकश की। पोब्लों ने हालतों को समझते हुए समर्पण तो कर दिया लेकिन उसने जेल से भी अपनी आपराधिक गतिविधियों को जारी रखा। जब सरकार ने जब उसे दूसरे जेल में भेजने की कोशिश की तो समय रहते वो वहाँ से बच निकला।

पाब्लो का हुआ अंत

1992 में अमेरिका और कोलंबिया सरकार के सहयोग से रेडियो ट्राएंगुलेशन तकनीक का उपयोग करते हुए 2 दिसम्बर 1993 को पाब्लो की 9 एमएम पिस्तौल से गोली मारकर अपराध की कहानी को खत्म कर दिया।

यह था दुनिया का सबसे बडा डॉन पाब्लो एस्कोबार, जिसने संयुक्त राज्य कहे जाने वालें अमेरिका और लैटिन अमेरिकी के देशों में आतंक फैला रखा था।

https://youtu.be/Nosxr9o8Y6w?t=688

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