सबरीमाला पर सीपीएम ने दिखाया संघ को आईना, कहा तालिबान से कम नहीं है आरएसएस

सबरीमाला मंदिर विवाद को लेकर सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य एस रामचंद्रन पिल्लई ने आरएसएस पर बड़ा इल्जाम लगाया है। पिल्लई ने कहा कि “वे (आरएसएस) तालिबान और खालिस्तान आतंकवादियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।” “वो क्यों सबरीमाला में परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं?” रामचंद्रन ने आगे कहा कि उन्हें सबरीमाला में सबकुछ शांतिपूर्वक होने देना चाहिए पर वो एसा नहीं कर रहे हैं।

तालिबान से कम नहीं है आरएसएस

वहीं दूसरी तरफ सबरीमाला मंदिर विवाद में केरल में धारा 144 लागू करने को लेकर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने कहा कि सरकार विस्तार से समझाए कि किस तरह क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई।

बता दें कि मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केरल सरकार पर सबरीमाला मंदिर को लेकर हमला किया था। बरीमला मुद्दे पर केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भगवान अयप्पा स्वामी के भक्तों के साथ ‘ कैदियों’ की तरह व्यवहार किया जा रहा है। केरल सरकार पर लोगों के विश्वास को ‘कुचलने’ की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि भाजपा श्रद्धालुओं के साथ मजबूती से खड़ी है।

भाजपा अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि श्रद्धालुओं को कूड़े के ढेर और सुअरों के रहने की जगह पर रात बिताने के लिए मजबूर किया जा रहा है। शाह ने कहा, “पिनरायी विजयन सरकार जिस तरह सबरीमला के संवेदनशील मामले को ले रही है वह निराशाजनक है।

केरल पुलिस युवा लड़कियों, माताओं एवं बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है, भोजन, आश्रय और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना उन्हें कठिन तीर्थ यात्रा के लिए मजबूर कर रही है ।’’ उन्होंने कहा कि केरल सरकार लोगों के विश्वास को ‘कुचलने’ की कोशिश कर रही थी, लेकिन भाजपा श्रद्धालुओं के साथ मजबूती से खड़ी रही। ‘‘ हम एलडीएफ को लोगों की आस्था कुचलने नहीं देंगे । ’’
राम रहीम से जुड़े मामले में पंजाब पुलिस सामने पेश हुए अक्षय कुमार
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर पिनरायी यह सोचते हैं कि वे हमारे त्रिशूर जिले के अध्यक्ष के सुरेन्द्रन एवं छह अन्य लोगों को गिरफ्तार कर सबरीमला के लिये खड़े लोगों के आंदोलन से पार पा जायेंगे, तो वह गलत सोच रहे हैं।

हम अयप्पा श्रद्धालुओं के साथ पूरी तरह से खड़े हैं । उल्लेखनीय है कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का फैसले के बाद से सबरीमला और उसके आसपास के क्षेत्र में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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