अखिलेश सरकार पिछड़ी जातियों को सम्मान नहीं दे सकती

चौधरी लौटन रामलखनऊ । राष्ट्रीय निषाद संघ (एनएएफ) के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि जो समाजवादी पार्टी अतिपिछड़ी व अत्यंत पिछड़ी जातियों को राजनीतिक सम्मान नहीं दे सकती, उससे सामाजिक न्याय व आरक्षण कोटा की बात सोचना व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि 65-70 विधान सभा क्षेत्रों में निर्णायक बिंद, राजभर, चौहान जाति को एक भी उम्मीदवार सपा ने नहीं बनाया है, जो इस समाज के साथ घोर सामाजिक व राजनीतिक अन्याय है।

चौधरी लौटन राम ने कहा- सपा ने एक भी निषादवंशीय मंत्री नहीं बनाया है

अपने जारी बयान में निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 71 विधान सभा क्षेत्रों में निषादवंशीय समाज के 70 हजार से अधिक मतदाता हैं। परंतु सपा ने एक भी निषादवंशीय को कैबिनेट मंत्री या स्वतंत्र प्रभार का मंत्री नहीं बनाया है।

यही नहीं, डॉ. राजपाल कश्यप को मत्स्य विकास निगम के अध्यक्ष पद से हटाकर यादव को बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2017 में अतिपिछड़े वर्ग की जातियां मांझी की भूमिका निभाएंगी। पूर्वाचल के कई जिलों में राजभर, बिंद, चौहान, निर्णायक की स्थिति में हैं, परंतु सपा ने इन जातियों का एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया।

निषाद ने बताया कि गाजीपुर सदर, जमानिया, बांसडीह, अतरौलिया, पिपराइच, गोखपुर ग्रामीण, कैंपियरगंज, चैरी चैरा, फरेंदा, पनियरा, मेंहदावल, गोसाईगंज, कटेहरी, जयसिंहपुर, कादीपुर, शाहगंज आदि सहित 71 विधान सभाओं में निषादवंशीय मतदाताओं की संख्या 70 हजार से अधिक है।

लेकिन कोई भी दल दर्जन भर सीटें भी इस समाज को नहीं देते। आगामी विधानसभा चुनाव में 20 से अधिक सीट देने वाले दल को निषाद समाज समर्थन देगा।

निषाद ने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस आदि दल केवल अतिपिछड़ों को वोटर व प्रचारक बनाकर रखते हैं, लेकिन अब अतिपिछड़े वोटर व प्रचारक का काम न कर सामाजिक न्याय व सम्मान देने वाले दल का साथ देंगे तथा सामाजिक अन्याय व राजनीतिक उपेक्षा करने वाले सपा जैसे दलों को विधानसभा चुनाव 2017 में सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं।

अतिपिछड़ों व अत्यंत पिछड़ों की उत्तर प्रदेश में 38 प्रतिशत से अधिक आबादी होने के बाद भी यह समाज राजनीतिक उपेक्षा व सामाजिक अन्याय का शिकार हो रहा है।

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