यूपी में बीजेपी ने सपा-बसपा को तोड़ने का बनाया ये प्लान

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को करारी मात दी. अखिलेश यादव और मायावती मिलकर भी मोदी-शाह के विजय रथ को नहीं रोक सके. सपा-बसपा को करारी शिकस्त देने के बाद अब बीजेपी ने उनके कोर वोट बैंक पर निगाहें गड़ा दी हैं. पार्टी सूबे में जो सदस्यता अभियान चलाएगी, उसमें फोकस बसपा के जाटव और सपा के यादव वोट बैंक पर ज्यादा होगा. सदस्यता अभियान की शुरुआत जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिन 6 जुलाई को होगी.

सपा-बसपा

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा ने यादव और बसपा ने जाटव समुदाय के मतदाताओं को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है. लाभ यादव समुदाय के सैफई कुनबे से जुड़े लोग ही उठाते रहे जबकि गाजीपुर और गोरखपुर का यादव उपेक्षित रहा.

त्रिपाठी कहते हैं कि बीजेपी ने इस बात को बेहतर तरीके से समझते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना हो या फिर उज्ज्वला योजना के तहत गैस या मुफ्त में बिजली कनेक्शन हो बिना फर्क सभी समुदाय को देने का काम किया है. इसमें चाहे यादव समुदाय के लोग हों या फिर जाटव समाज के. इसी का नतीजा है कि वो सारे लोग वोटर के रूप में बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव में जुड़े हैं. ऐसे में हम इन्हें बीजेपी सदस्य और कार्यकर्ता बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

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बीजेपी मानती है कि यूपी में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद अल्पसंख्यक, जाटव और यादव बहुल बूथ पर उसे पर्याप्त वोट नहीं मिले. इन बूथों पर सपा-बसपा का जातीय तंत्र उखाड़ फेंकने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जाएगा.

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