सपा पर हमलावर हुई मायावती, बोलीं- नहीं देखती राष्ट्रपति बनने का सपना, सरकार को दिए ये सुझाव

बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग मुझे राष्ट्रपति बनाने का सपना देख रहे हैं। वह ऐसा इसलिए सोच रहे हैं क्योंकि इससे उनका यूपी के सीएम बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि वह फिर से यूपी का सीएम और पीएम बन सकती हैं लेकिन राष्ट्रपति बनने का सपना नहीं देखती है। इस दौरान मायावती ने सपा पर बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप भी लगाया।


चुनाव को दिया गया हिंदू मुस्लिम रंग


मायावती ने कहा कि यूपी चुनाव 2022 में बसपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए ही सपा और बीजेपी ने चुनाव को हिंदू मुस्लिम का रंग दिया। इसी के साथ उन्होंने अपने कार्यकाल में बनवाए गए स्मारकों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। मायावती ने कहा कि बनवाए गए स्मारकों क देख-रेख और रख-रखाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की गई थी। साथ ही रख-रखाव और सुरक्षा के लिए काफी स्टाफ तैनात किया गया था। इन स्मारकों की वजह से ही उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी लखनऊ की अपनी पहचान बनी है। हालांकि इस बीच काफी समय से यह देखने में आ रहा है कि इन स्मारकों की देख-रेख में उपेक्षा के कारण उपरोक्त स्मारकों की स्थिति अत्यंत खराब और दयनीय हो गई है। गैर जिम्मेदार तथा लापरवाह अधिकारियों व खासकर दलित विरोधी मानसिकता वाले लोकसेवकों की उपेक्षा के कारण इन स्मारकों की दशा निरन्तर खराब होती जा रही है। पूर्व में इन स्मारकों से कीमती मूर्तियों की चोरी भी हुई आग से इनमें लगाए गए पौधों और वृक्षों आदि की हानि हुई, बरसात के पानी से इमारतों को काफी नुकसान हुआ।


स्मारकों की दुर्दशा को लेकर किया जिक्र


मायावती ने कहा कि इस सम्बन्ध में पूर्व में मैंने अपने पत्रों के माध्यम से आपका ध्यान इन स्मारकों की दुर्दशा की तरफ आकर्षित किया था। जिसके बाद आपके निर्देशों के उपरान्त सन् 2021 में इमारतों की मरम्मत का थोड़ा काम हुआ था, परंतु उसके उपरान्त इन स्मारकों के रख-रखाव एवं मरम्मत आदि का कोई सालाना कार्य नहीं किया गया। मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक तथा डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक के गुम्बद में लीकेज के कारण सीलन आ गई, जिसकी वजह से बिल्डिंग कमजोर हो रही हैं। मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक के मुख्य गुम्बद की स्थिति तो काफी दयनीय हो गई है और इसकी छत पर काफी बड़ी दरार आ गई है, जो कि बढ़ती जा रही है। जिसे मैंने 9 अक्टूबर 2021 को स्वयं देखा था। कई जगह पत्थर उखड़ रहे हैं, और गिर भी रहे हैं।
स्मारको को लेकर दिए ये सुझाव


स्मारको को लेकर दिए ये सुझाव

बसपा चीफ ने कहा कि मेरी जानकारी में लाया गया कि स्मारकों, संग्रहालयों, संस्थाओं, पार्कों और उपवनों आदि के प्रबन्धन सुरक्षा एवं अनुरक्षण के लिए कुल 7265 पद सृजित हैं जिनके सापेक्ष 5281 कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों की कतिपय मांगे/समस्यायें ज्ञापन देकर मेरे सामने प्रस्तुत की गई। इन मांगों/समस्याओं के निराकरण के लिए मेरा सुझाव है कि-

  • स्मारक समिति में कार्यरत कर्मचारियों की सेवानियमावली राज्य कर्मचारियों की भांति बनायी जाय जिससे उनके असामयिक मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को नौकरी मिल सके।
  • स्मारक समिति में कार्यरत कर्मचारियों की अधिवर्शता आयु राज्य कर्मचारियों की भाति 60 वर्ष की जाय।
  • स्मारक समिति में कार्यरत कर्मचारियों के लिए लागू सी०पी०एफ० योजना के स्थान पर न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) योजना के अन्तर्गत अनका खाता खोलते हुए कर्मचारियों का अशदान व विभागीय अंशदान जमा कराये जाने की व्यवस्था की जाये।
  • स्मारक समिति में कार्यरत कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति ए.सी.पी. (सुनिश्यित कैरियर प्रोन्नयन) की सुविधा दी जाये जिससे उनकी कार्य के प्रति रूचि बनी रहे।
  • स्मारक समिति में कार्यरत कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति सेवानिवृत्ति के समय अवशेष देय अर्जित अवकाश के नकदीकरण की भी सुविधा दी जाए।
LIVE TV