सामने डूबी 216 करोड़ की वाइट मनी, चुपचाप देखते रहे मोदी
संसद की कार्यवाही अक्सर हंगामे के चलते भंग कर दी जाती है. संसद के सत्र में काम रोकने से फाइलें और कानून ही नहीं अटकते, उससे भी बड़ा नुकसान जनता का होता है. संसद की कार्यवाही में हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. यह पैसा जनता का है, जो टैक्स के रूप में जमा किया जाता है. संसद सत्र के एक मिनट की कार्यवाही का खर्च लगभग 2.6 लाख रुपए आता है.
साल 2014 के बाद सबसे कम काम इसी शीतकालीन सत्र में काम हुआ है. 2014 में सांसदों ने लगभग 92 घंटे के काम में बाधा डाली, जिसके कुल खर्च का अनुमान लगाया जाये तो वो 144 करोड़ रुपयों का होगा.
संसद की कार्यवाही में पैसे बर्बाद
पहले सत्र में हंगामे के कारण 16 मिनट में बर्बाद हुए 40 लाख रुपए
दूसरे सत्र में 13 घंटे 51 मिनट, 20 करोड़ 7 लाख
तीसरे सत्र में 3 घंटे 28 मिनट, 5 करोड़ 20 लाख
चौथे सत्र में 7 घंटे 4 मिनट, 10 करोड़ 60 लाख
पांचवें सत्र में 119 घंटे, 178 करोड़ 50 लाख
छठे सत्र में भी बुरा हाल दिख रहा है.
संसद सत्र में 18 या 20 दिन की कार्यवाही होती है. राज्यसभा में हर दिन पांच घंटे और लोकसभा में छह घंटे का काम होता है.
नोटबंदी के फ़ैसले के खिलाफ़ विपक्ष ने कई बार संसद की कार्यवाही में विघ्न डाला है.