कब्रिस्तान में अलगाववादियों की रैली पर रोक, लग सकते हैं देशविरोधी नारे

श्रीनगरश्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शनिवार को आहूत अलगाववादियों की रैली को रोकने के लिए प्रशासन ने जगह-जगह प्रतिबंध लगा दिए हैं।

श्रीनगर में तनाव

श्रीनगर के जिलाधिकारी फारुख अहमद लोन ने बताया, “श्रीनगर के सात पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में प्रतिबंध लगाया गया है। जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें खानयार, नौहट्टा, एम.आर.गुंज, रैनावारी, सफा कदाल, मैसूमा और निगीन शामिल हैं।”

लोन ने बताया, “बंद निषेधात्मक हैं और शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाया गया है।” मीरवाइज उमर फारुख, सैयद अली गिलानी, मुहम्मद यासीन मलिक और अन्य सहित अलगाववादी नेताओं ने शनिवार को श्रीनगर के ईदगाह शहादत कब्रिस्तान में सार्वजनिक रैली आह्वान किया है। रैली अज्ञात हमलावरों द्वारा दो वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं की हत्या के विरोध में उनकी बरसी पर आहूत की गई है। बताया जा रहा है कि यहां देशविरोधी नारे भी लग सकते हैं। इसीलिए प्रशासन ने खासी सतर्कता बरती हुई है।

मीरवाइज उमर के पिता मीरवाइज मुहम्मद फारुख को 21 मई, 1990 को उनके निगीन स्थित निवास स्थान पर मार दिया गया था। एक अन्य अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन की भी 21 मई 2002 को हत्या कर दी गई थी।

अलगाववादियों ने इन हत्याओं के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि सरकार का कहना है कि ये हत्याएं विभिन्न अलगाववादी सशस्त्र समूहों के बीच शत्रुता की वजह से हुई थी।

सुरक्षा-व्यवस्था की दृष्टि से इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनात की गई है। गौरतलब है कि शनिवार को राज्य में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर सार्वजनिक अवकाश होने से शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालय, बैंक और डाकघर बंद हैं।

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