शिया वक्फ बोर्ड ने SC में कहा- राम मंदिर गिराकर बनाई गई थी बाबरी मस्जिद

शिया वक्फ बोर्ड नेनई दिल्ली। शिया वक्फ बोर्ड ने राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विवादित बयान दिया है।  बोर्ड ने 30 मार्च 1946 को ट्रायल कोर्ट की ओर से सुनाए गए उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी करार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद को उस जगह बने मंदिर को नष्ट करके बनाया गया था। बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करने वाला है। वक्फ बोर्ड ने दरख्वास्त की है कि अन्य याचिकाओं के साथ उसकी पिटिशन पर भी फैसला किया जाए।

बता दें कि याचिका दायर करने से एक दिन पहले ही वक्फ बोर्ड ने माना था कि वह विवादित मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने के लिए तैयार है ताकि इस विवाद को खत्म किया जा सके। शिया वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में अपनी याचिका वकील एमसी धींगरा के जरिए दाखिल की है। इसमें बोर्ड ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने बाबरी मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करके गंभीर गलती की है, क्योंकि इस मस्जिद को शिया मुस्लिम ने बनवाया था।

मस्जिद को मुगल बादशाह बाबर ने बनवाया था, इस आम धारणा को चुनौती देते हुए बोर्ड ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण बाबर के एक मंत्री अब्दुल मीर बाकी ने अपने पैसों से करवाया था। बाकी एक शिया मुस्लिम थे, जबकि बाबर एक सुन्नी मुसलमान।

यह भी पढ़ें: लालू के करीबी पार्षद की हत्या, बाइक सवार बदमाशों ने मारी गोली

शिया वक्फ बोर्ड की याचिका में कहा गया है, ‘बाबर अयोध्या के नजदीक 5 या 6 दिन ही ठहरा, क्योंकि मस्जिद बनवाने में ज्यादा वक्त (मंदिर को तोड़ना और मस्जिद बनाना) लगना था। ट्रायल कोर्ट यह समझने में असफल रहा कि सिर्फ मस्जिद बनने का आदेश दे देना भर ही किसी शख्स को उस प्रॉपर्टी का वाकिफ नहीं बना देता। बाबर ने शायद बाकी को मस्जिद बनवाने कहा हो, लेकिन बाकी ही वह शख्स थे, जिन्होंने जगह की पहचान की और मंदिर गिरवाया ताकि मस्जिद का निर्माण करवाया जा सके।’ बता दें कि वाकिफ वह शख्स होता है, जो किसी प्रॉपर्टी को ऊपरवाले को समर्पित करके उसे वक्फ का दर्जा देता है।

यह भी पढ़ें: ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने संभाला डिप्टी कलेक्टर का पद

 

 

 

LIVE TV