शिक्षक संघ : शिक्षकों के साथ-साथ गरीब बच्चों के साथ भी छलावा हो रहा है.

समान काम-समान वेतन का केस हारने के बाद शिक्षकों ने इसे सरकार की साजिश करार दिया है प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव आनंद मिश्रा ने चेतावनी दी है कि गर्मी की छुट्टी के बाद शिक्षक सरकार से लड़ने को तैयार हैं और शिक्षक हड़ताल पर जा सकते हैं. इसके लिए अगली रणनीति तैयार की जा रही है.

बिहार में काम के आधार पर स्थायी शिक्षकों के समान ही वेतन की मांग कर रहे करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार की अपील मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया। आपको बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने नियोजित टीचरों को नियमित सरकारी टीचरों के समान वेतन देने का आदेश दिया था। इस आदेश को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बिहार सरकार की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर कर कहा गया था कि नियोजित टीचर पंचायती राज निकायों के कर्मी हैं और बिहार सरकार के कर्मचारी नहीं हैं, ऐसे में इन्हें सरकारी टीचरों के बराबर सैलरी नहीं दी जा सकती।

संघ महासचिव ने कहा कि सरकार के खिलाभ सभी संघ बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है और सरकार को लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में भी इसका जवाब दिया जाएगा. इससे पहले बिहार के नियोजित शिक्षकों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी लड़ाई जारी रखने का फैसला किया.

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शिक्षकों ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का भी निर्णय लिया है. शिक्षकों के वकील राकेश कुमार मिश्रा ने न्यूज-18 को बताया कि इस फैसले के खिलाफ हम एक पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंग

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