शाह को नहीं चाहिए बुज़ुर्ग सिपाही, लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं की Age लिमिट की तय

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक बड़ा और चौंकाने वाला ऐलान किया है।

जिसका असर पार्टी के नेताओं और उनके करियर पर भी देखने को मिल सकता है। दरअसल, शाह ने रविवार को दिल्ली में आयोजित ‘भारत के मन की बात’ अभियान का आगाज करते हुए मोदी सरकार के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का किया।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में जिन नेताओं की उम्र 75 वर्ष से अधिक है, उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी। हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या ऐसे नेता आगामी चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं, तो इस पर उन्होंने कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दिया और चर्चा किए जाने की बात कही।

पहले भी नेताओं की उम्र पर टिप्पणी कर चुके हैं शाह

मालूम हो कि उम्र सीमा को लेकर शाह का ऐसा बयान पहली बार नहीं आया है। इससे पहले भी उनके हवाले से तय उम्र सीमा के बाद चुनाव लड़ने से बैन करने की खबरें आती रही हैं।

हालांकि, बाद में ऐसी चर्चाओं को दरकिनार करते हुए 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट भी दिए गए। लेकिन यह मामला विधानसभा चुनाव से जुड़ा था। अब जबकि लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में अमित शाह का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आपको बता दें कि अगर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिया गया बयान भविष्य में सच साबित होता है तो इससे पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की छुट्टी हो जाएगी। इसमें कई ऐसे नेता भी हैं जोकि पार्टी के संस्थापक माने जाते हैं।

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इनमें लाल कृष्ण आडवाणी का नाम प्रमुख हैं। इसके अलावा मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार, करिया मुंडा, लीलाधर वाघेला और प्रभात सिंह चौहान समेत कई ऐसे सांसद हैं, जो फिलहाल लोकसभा सदस्य हैं और उनकी उम्र 75 को पार कर चुकी है।

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