शाहीन बाग: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका, कहा- धरना कहीं भी नहीं दिया जा सकता

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को शाहीन बाग मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। Supreme court ने पिछले साल अक्तूबर में दिए शाहीन बाग फैसले को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा कि धरना प्रदर्शन लोग अपनी मर्जी से और किसी भी जगह नहीं कर सकते। धरना प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन उसकी एक सीमा है।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि धरना प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या समूह इससे बाहर धरना प्रदर्शन करता है तो नियम के मुताबिक उन्हें हटाने का अधिकार पुलिस के पास है। धरना प्रदर्शन से आम जनमानस की जिंदगी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मे नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन को गैर कानूनी बताया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार करने के लिए चुनौती दी गई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। तीन न्यायाधीशों एस के कॉल, अनिरुद्ध बोस और कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिका खारिज की है।

साल 2019 में दिल्ली का शाहीन बाग सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन का स्थान था।यहां बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर नागरिकता कानून का विरोध किया था। कोरोना वायरस महामारी के चलते बीते साल मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन खत्म हो गया था।

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