भगवान के बाद न्याय के लिए हमारी उम्मीदें शीर्ष अदालत पर…

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पटना। बिहार के सीवान में चंद्रकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी कलावती देवी की सुरक्षा आज बढ़ा दी गई, क्योंकि शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग वाली उनकी और राज्य सरकार की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि वादी ने इस आधार पर शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग की है कि मामले की सुनवाई पटरी से उतारने के लिए वह अपनी आजादी का दुरुपयोग करेंगे और उनकी रिहाई से भय का माहौल बन गया है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “खुफिया रपट की चेतावनी के बाद सीवान में चंद्रकेश्वर प्रसाद के घर पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। खुफिया रपट में कहा गया है कि शीर्ष अदालत में शहाबुद्दीन की जमानत रद्द होने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है।”

 

पहले प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद वह अपनी जान को लेकर भयभीत हैं, क्योंकि उनके दो बेटों की हत्या मामले में उसे (शहाबुद्दीन) सजा सुनाई जा चुकी है।

प्रसाद और उनकी पत्नी दोनों ने कहा कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा है। उन्होंने कहा, “भगवान के बाद न्याय के लिए हमारी उम्मीदें शीर्ष अदालत पर टिकी हैं।”

जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, सीवान में सभी चौराहों और संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

गत 10 सितम्बर को पटना उच्च न्यायालय ने शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा कर दिया था, क्योंकि चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीसरे बेटे की हत्या मामले की सुनवाई नहीं शुरू हुई थी। न्यायमूर्ति जितेंद्र मोहन शर्मा के आदेश के बाद वह 11 साल जेल में बिताने के बाद रिहा हुए। शहाबुद्दीन उक्त हत्या मामले में मुख्य आरोपी हैं।

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