शहर में पानी के भारी भरकम बिलों को लेकर जल संस्थान के खिलाफ बढ़ रहा जनाक्रोश

शहर में पानी के भारी भरकम बिलों को लेकर जल संस्थान के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ रहा है। पहले बेहद कम आने वाले बिल उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगने के बाद हजारों में आ रहा है। यहां तक कि जब लॉकडाउन में जब होटल, रेस्टोरेंट बंद थे, इसके बाद भी बंद अवधि के भारी भरकम बिल जारी कर दिए है। दरअसल करीब 90 करोड़ से अधिक के एडीबी के प्रोजेक्ट के बाद शहर में पुरानी लाइनों के स्थान पर नई लाइनें बिछाई गई।  स्टॉक व सप्लाई टैंक बनाये गए। साथ ही उपभोक्ताओं के घरों तक कि सप्लाई लाइन भी बदली गई। उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाए गए। मीटर रीडिंग का जिम्मा एडीबी की संस्था को दिया गया है। संस्था के कर्मचारी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से उपभोक्ता घरों से दो सौ मीटर दूर से ही रीडिंग लेते हैं।

कोरोना लॉकडाउन के बाद सैकड़ों लोग  गांव चले गए, होटल, रेस्टोरेंट बंद थे, मगर इसके बाद भी भारी भरकम बिलों ने लोगों में भारी नाराजगी है। होटल एशोसिएशन, व्यापार मंडल, भाजपा, कांग्रेस, आप व अन्य संगठनों ने बिलों में संशोधन को लेकर जल संस्थान के अधिकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिए। जल संस्थान की ओर से शिकायत पर सत्यापन भी किया गया मगर किसी उपभोक्ता के बिल में धनराशि कम नहीं हुई। उपभोक्ताओं की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए शुक्रवार को भाजपा मण्डल अध्यक्ष आनंद बिष्ट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेन्द्र सिह बिष्ट, वरिष्ठ नेता अरविन्द पडीयार, गोपाल रावत, हरीश राणा,  भूपाल कार्की जलसस्थान  के एई डीएस बिष्ट से मुलाकात की और शहर की समस्या से अवगत कराया। एक बार फिर जल संस्थान ने पुराना फार्मूला बताकर पल्ला झाड़ लिया। कहा कि उपभोक्ता प्रत्यावेदन के साथ पुराने व नये बिल की फोटो स्टेट कापी दें, संशोधन पर विचार किया जाएगा।

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