शहर में काला धुआं उगल रहे तीन लाख वाहन! 15 साल पुरानी गाड़ियों के साथ…
रिपोर्ट- नीरज श्रीवास्तव
लखनऊ। शहर में दौड़ रहे डीजल वाहन काला धुआं उगल रहे हैं। ये वाहन राजधानी को प्रदूषित कर रहे हैं। शहर में 15 साल पुराने वाहनों के साथ ही दूसरे शहरों की गाड़ियां भी राजधानी में प्रदूषण फैला रही हैं। धुआं उगलते डीजल टेम्पो और छोटे-बड़े ट्रक, अनगिनत डीजल गाड़ियां मिलाकर चार लाख से अधिक वाहन काला धुआं उगल रहे हैं। इनके रोकथाम के लिए परिवहन विभाग को दी गई।
जिम्मेदारी लापरवाही की भेंट चढ़ गयी है। लिहाजा आरटीओ में पंजीकृत 24 लाख से अधिक विभिन्न प्रकार के वाहनों में 20 फीसदी से ज्यादा ऐसे वाहन हैं जो बिना प्रदूषण जांच कराए फर्राटा भर रहे है। गैर जनपद में रजिस्टर्ड डीजल वाहन भी राजधानी में प्रतिबंधित होने के बावजूद संचालित हो रहे हैं।
राजधानी में वर्ष 2008 में डीजल टेम्पो और आॅटो के संचालन पर रोक लगा दी गई थी। बावजूद इसके ये डीजल वाहन आज भी शहर के आउटर इलाकों में दौड़ रहे हैं। फैजाबाद रोड स्थित चिनहट चौराहे पर काले पीले रंग के डीजल टेम्पो नजर आ रहे हैं। इसके अलावा मड़ियांव दुबग्गा, गोसाईगंज, मोहनलालगंज में काफी संख्या में डीजल वाहन अवैध रूप से चल रहे है। ये सब वाहन दूसरे शहर से राजधानी आकर यहां की हवाओं में जहर घोल रहे है। यह हाल तब है जब शहर में स्मॉग के चलते लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है।
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शहर में अवैध डीजल ऑटो-टेम्पो की भरमार। एक अनुमान के मुताबिक इस समय लखनऊ शहर में 8000 आॅटो दौड़ रहे हैं जिसमें से केवल 4343 आॅटो सीएनजी में पंजीकृत हैं। वहीं 9000 विक्रम चल रहे हैं जिसमें से केवल 2575 विक्रम सीएनजी में रजिस्टर्ड हैं। यानी बाकी वाहन डीजल ईधन से चल रहे हैं। यह वाहन प्रदूषण प्रमाणपत्र के बिना शहर की सड़कों पर प्रदूषण फैला रहे हैं।