शव का अंतिम संस्कार करके घर लौट रहा था परिवार, लेकिन रास्ते में ही आ गया मृतक का फोन…राज जानकर सहम गए सब…

केरल के पुतिंगल मंदिर हादसे के बाद लोग सदमे में है। हादसे में अपनों को खो चुके बहुत से लोगों को तो ये विश्वास हीं नहीं हो रहा है कि जिन्हें वो बेहद चाहते थे वे अब इस दुनिया में नहीं हैं।

गम की सैंकड़ों कहानियों के बीच एक वाकया ऐसा भी है जिसने एक परिवार को ऐसी खुशी दी है कि जिसे वे जिंदगी भर नहीं भुला सकेेंगे।

एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, एक परिवार अपने बेटे को मरा हुआ समझकर अस्पताल से एक शव घर ले आया। बाद में शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

शव का अंतिम संस्कार करके घर लौट रहा था परिवार, लेकिन रास्ते में ही आ गया मृतक का फोन

अंतिम संस्कार के बाद दुखी परिवार के लोग जब घर पहुंचे तो उसके थोड़ी ही देर बाद उन्हें एक फोन आया। ये फोन किसी और का नहीं बल्कि जिस बेटे को मरा हुआ मानकर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था उसी का था।

परिवार को जैसे ही अपने बेटे के जिंदा होने की सूचना मिली तो हर कोई खुशी से झूम उठा। प्रमोद नाम का ये शख्स उस ठेकेदार के लिए काम करता था जिसने पेरवुर के पुतिंगल मंदिर के लिए प्रतिबंधित पटाखों का इंतजाम किया था।

बीते तीन सालों से इस शख्स ने नहीं पिया है एक भी बूँद पानी, फिर भी है जिंदा…

बेहोशी की हालत में अतिंगल अस्पताल में पड़े प्रमोश को सोमवार की रात होश आया और उसने मंगलवार को अपने घरवालों को फोन किया।

प्रमोद ने कहा, ‘ये एक तरह से मेरा पुनर्जन्म है। धमाके के बीच होने के बावजूद मुझे पता ही नहीं है कि मैं कैसे जिंदा बच गया हूं।’ हालांकि इस अग्रिकांड में प्रमोद झुलस गया है और उसे सुनने में थोड़ी दिक्कत भी हेा रही है।

इस घटना ने अब प्रशासन के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। अब प्रशासन इस बात की पहचान करने में जुट गया है कि प्रमोद के परिवार ने जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया था आखिर वो कौन था।

गौरतलब है कि पुतिंगल मंदिर में रविवार रात को छोड़े गए पटाखों के कारण आग लग गई थी। अग्निकांड के कारण 111 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे।

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