शनिदेव को मान लें अपना शिक्षक, होगा भाग्योदय

दंडाधिकारी शनिदेव

दंडाधिकारी शनिदेव के बारे में संसार में अनेक भ्रांतियां व्‍याप्‍त हैं। जैसे ही पता चलता है कि शनिदेव  की महादशा या साढ़े साती और ढैय्या चल रही है तो लोग ऐसे परेशान हो जाते हैं कि जैसे उनका सब खत्‍म हो गया। शनि महाराज के प्रकोप से बचने के लिए लोग कई पंडितों और ज्‍योतिषियों का सहारा लेते हैं। कई तरह के उपाय करते हैं, लेकिन होता वही है जो इंसान के कर्मो द्वारा उसके खुद के भाग्य में लिख दिया जाता है।

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शनि महराज तो ब्रम्हाण्‍ड के न्‍यायाधीश हैं। वकील के रूप में समय उनके सामने जो साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करता है, वह उसी के आधार पर निर्णय सुना देते हैं। ठीक उसी तरह जैसे सांसारिक अदालतों में आमतौर पर न्‍यायाधीश सुनाते हैं। शनि देव किसी को भी अनर्गल परेशान नहीं करते हैं ।

शनिदेव को मान लें अपना अच्‍छा शिक्षक

  1. शनिदेव  तो इंसान के जन्‍म से लेकर मोक्ष तक उसकी सहायता करते हैं। कृष्‍ण के भक्‍त, शिव के शिष्‍य और हनुमान के सखा शनि भी अन्‍य देवों की तरह ही अपने भक्‍तों की तो रक्षा करते ही हैं अन्‍य देवों के भक्‍तों की भी रक्षा करते हैं।
  2. शनि की कृपा पाने के लिए आवश्‍यक नहीं है कि आप उनके मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं या अनर्गल दान करें। ध्‍यान रखें शनि बहुत गंभीर देव हैं और उन्‍हे अनर्गल न तो समय की बर्बादी पसंद है और न ही अनर्गल धन की बर्बादी।
  3. शनि उसी को परेशान करते हैं जो समय की कद्र नहीं करता या आलसी होता है। अभिमानी लोगों के साथ शनि उसी तरह बर्ताव करते हैं जैसे दुश्‍मन । शनिदेव  की कृपा पाने के लिए तो बस अपने अन्‍दर इंसानियत लाने की जरूरत है।
  4. हम यहां आपको शनि देव के बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि अगर आपसे कोई कहे कि आपका शनि खराब है तो आप परेशान न हों बल्कि अपने व्‍यवहार में कुछ परिवर्तन जरूर करे लें।
  5. सबसे पहले ठान लें कि आप आलस नहीं करेंगे और मेहनत करेंगे। जब पता चल जाए कि शनि खराब है तो किसी भी अन्‍य इंसान भले ही वह आपका सगा ही क्‍यो न हो उससे किसी प्रकार की उम्‍मीद न रखें। खुद की मेहनत पर भरोसा रखें और जो आपके पास है, उसे ही अपना समझें।
  6. अपने अंदर विनम्रता धारण करें। किसी से भी विवाद न करें। अगर कोई बात बर्दास्‍त न हो तो क्रोध न करें बल्कि  वहां से हट जाएं  और वापस तभी लौट कर आएं जब आपका गुस्‍सा शांत हो जाए।
  7. घर से बाहर निकलने से पहले अपने माता-पिता के पैर छूएं और आशिर्वाद लेकर कहीं जाएं। अगर माता पिता न हों तो किसी भी वृद्ध इंसान चाहे वह पुरुष हो या स्‍त्री पैर छू लें। शनि आपके अनुकूल हो जाएंगे।
  8. प्रतिदिन सुबह स्‍नान जरूर करें, सूर्य भगवान को एक लोटा जल अर्पित करें और भगवान शिव और जगतजननी पार्वती की आराधना करें । शनि का भी स्‍मरण करें।
  9. प्रतिदिन भोजन के समय अपने खाने से एक रोटी अलग निकाल लें । उसमें से आधी गुड़ के साथ गाय को खिला दें और आधी काले कुत्‍ते को। छोटे बच्‍चों से प्रेम करें और जब भी हो सके उन्‍हे कुछ मीठा खिलाएं चाहे वह टॉफी ही क्‍यों न हो।
  10. महिलाओं की इज्‍जत करना सीखें और उन पर बुरी नजर बिल्‍कुल न डालें। जब भी समय मिले हनुमान मंदिर में जाकर प्रभू के दर्शन करें और संकट काटने की प्रार्थना करें।
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