पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खराब स्वास्थ्य के बावजूद राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को व्हीलचेयर पर संसद में उपस्थिति दर्ज कराई। जहां विपक्ष ने 90 वर्षीय कांग्रेस दिग्गज की “ईमानदारी” के लिए प्रशंसा की, वहीं भाजपा ने इसे “बेहद शर्मनाक” बताया।

पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद, दिल्ली सेवा विधेयक के खिलाफ मतदान करने के लिए सोमवार को व्हीलचेयर पर राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए संसद पहुंचे, जिसे बाद में सदन में पारित कर दिया गया। जहां विपक्ष ने मनमोहन सिंह की “ईमानदारी” के लिए उनकी प्रशंसा की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे “बेहद शर्मनाक” बताया। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने सदन में उपस्थिति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा, “आज, राज्यसभा में, मनमोहन सिंह ईमानदारी के प्रतीक के रूप में खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ मतदान करने आए। लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक गहन प्रेरणा है। उनके अमूल्य समर्थन के लिए मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। धन्यवाद महोदय।”
राज्यसभा में 90 वर्षीय कांग्रेस दिग्गज की उपस्थिति के कारण विपक्ष और भाजपा के बीच ज़ुबानी जंग भी छिड़ गई। बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ”देश कांग्रेस के इस पागलपन को याद रखेगा!” कांग्रेस ने एक पूर्व प्रधानमंत्री को इतनी खराब हालत में भी संसद में देर रात व्हीलचेयर पर बैठाए रखा, वो भी सिर्फ अपने बेईमान गठबंधन को जिंदा रखने के लिए! बेहद शर्मनाक!”
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने राज्यसभा में मनमोहन सिंह की उपस्थिति पर टिप्पणी के लिए भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री की “लोकतंत्र में आस्था” को दर्शाता है। मनमोहन सिंह के अलावा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीमार सिभु सोरेन भी उच्च सदन में मौजूद थे।