काम पूरा, बिछ गया जाल, पीएम मोदी से आँख मिलाने की फिराक में पाकिस्तान!

व्यापार का विस्तार और जमीनकराची। पाकिस्तान में चीन का प्रभाव दिनो दिन बढ़ता ही जा रहा है फिर बात चाहे रक्षा क्षेत्र की हो या व्यापार की। चीनी कंपनियां लगातार पाकिस्तान के साथ बड़े-बड़े व्यापारिक समझौते को अमलीजामा पहनाने में लगी हुई हैं जिसके चलते चीन वहां अपनी जड़ें जमाने और व्यापार का विस्तार और जमीन खरीदने में जुटी हैं। चीन ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक मार्ग विकसित करने के लिए अभी हाल ही में 57 अरब डॉलर यानी लगभग 3 लाख 80 हजार करोड़ रुपये की डील की है। खबरों के अनुसार चीनी कंपनियां भविष्य में भी बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में निवेश को लेकर उत्सुक हैं।

खबरों से पता चला है कि चीनी कंपनियां मुख्य तौर पर पाकिस्तान में सीमेंट, स्टील, एनर्जी और टेक्सटाइल सेक्टर्स में निवेश करने को उत्सुक हैं। जिनसे 270 अरब डॉलर वाली पाकिस्तानी इकॉनमी एक बहुत बड़ा आधार मिलेगा।

चीनी कंपनियां पाकिस्तान में अपने ‘वन रोड, वन बेल्ट प्रॉजेक्ट’ पॉलिसी के तहत ही निवेश कर रही हैं। विश्लेषकों की माने तो मौजूदा दौर मे चीन की घरेलू इकॉनमी काफी कमजोर हुई है। जिसके चलते उसने विदेशी निवेश बढ़ाने का निर्णय लिया है और इसके लिए पाक उसकी पहली पसंद के रूप में है।

पाकिस्तान के प्राइवेटाइजेशन मिनिस्टर रहे मोहम्मद जुबैर ने बताया कि चीन की दिग्गज स्टील कंपनी बाओस्टील ग्रुप पाकिस्तानी सरकारी स्टील कंपनी स्टील मिल्स को 30 सालों के लिए लीज पर ले सकती है। चीन सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम पश्चिमी देशों के एकदम उलट है जो पाक में इन्वेस्टमेंट को लेकर उदासीन रहे हैं।

दोनो देशों के बीच आगामी वर्षों में बढ़ने वाले निवेश और व्यापार के चलते चीन-पाक आर्थिक गलियारे को दूसरे चरण में ले जाने के लिए दोनों देशों में बात चल रही है। इस प्रक्रिया के तहत चीन की सरकारी कंपनियां पाकिस्तान की इंडस्ट्रीज का विकास करेंगी। इससे चीनी कंपनियों को टैक्स छूट और अन्य फायदे प्राप्त होंगे। लेकिन स्पेशल जोन्स की स्थापना से ठीक पहले चीनी कंपनियां पाकिस्तान में अपनी जड़े मजबूत करने में जुटी हैं जिसके तहत वहां बड़े जमीन सौदों को अंजाम दिया जा रहा है।

भारत के लिए है परेशानियों का जाल
चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां और पाक की जमीन पर चीन की बादशाहत आने वाले दिनों में भारत के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन सकती हैं। दोनों देशों के बीच बन रहे आर्थिक गलियारे को लेकर चीनी कंपनिया पाक में बड़ा निवेश कर रही हैं। जो कि भारत के लिहाज से रणनीतिक, व्यापारिक और सामरिक दृष्टि से चिंताजनक विषय है क्योंकि यह कॉरिडोर पीओके से होकर गुजरता है। इसके जरिए चीन का पश्चिमी हिस्सा रेल, रोड और पाइपलाइन प्रॉजेक्ट्स के जरिए पाकिस्तानी क्षेत्र में स्थित अरब सागर के ग्वादर पोर्ट से जुड़ जाएगा।

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