वैज्ञानिकों ने की खोज, कैसे हवा में उड़ पाते हैं सांप
दक्षिण एशिया के वर्षा वनों में ऐसे सांप पाए जाते हैं जो बेहद ख़ूबसूरत ढंग से हवा में उड़ान (Flying snakes ) भर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस करतब को अंजाम देने के लिए आवश्यक बल प्राप्त करने के लिए ये सांप ज़रूरत के अनुसार अपने शरीर के आकार को बदल सकते हैं।
जर्नल नेचर फिजिक्स में प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि क्रिसोपेलिया परादीसी, या पैराडाइज ट्री स्नेक जैसे हॉन्सकंट्स खुद को दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के एक पेड़ों से उड़ान भर कर दूसरे पेड़ पर जा सकते हैं।
अध्ययन के मुताबिक सामान्य रूप से सांप उड़ने वाला जीव नहीं है। जब आप इसे देखेंगे तो कहेंगे कि ये चीज़ उड़ नहीं सकती है। और इसकी सामान्य क़दकाठी को देखते हुए ये बात शायद एकदम सही भी है
शोधकर्ताओं ने मोशन-कैप्चर टैग और हाई-स्पीड कैमरों के साथ सात सांपों का अध्ययन किया। “फेकूलेशन फ्लाइंग सांपों में ग्लाइडिंग सक्षम करता है। रिसर्च में पता चला है कि उड़ने वाले सांपों की पांच प्रजातियां हैं और ये सभी क्रिसोपेलिया जाति से संबंधित हैं।
अध्ययन के शोधकर्ताओं और वर्जीनिया टेक में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और यांत्रिकी के एक प्रोफेसर जेक सोखा ने कहा कि हवा के माध्यम से उड़ने वाले सांपों का हिस्सा उनके शरीर को समतल करके होता है। हालांकि, सांपों के शरीर भी लहर जैसी हरकतें करते हैं। जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि सांप हवा में तैर रहा है।