वैज्ञानिकों का खुलासा, इस एक चीज से कभी नहीं घटेगा वजन

आजकल अधिकतर लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं. डाइटिंग और एक्सरसाइज करने के बावजूद भी लोगों का वजन कम नहीं होता है. लेकिन क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि तमाम कोशिशों के बाद भी वजन कम क्यों नहीं होता है? अगर नहीं तो परेशान न हो क्योंकि वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि आखिर वह कौन सी चीज है जो वजन कम नहीं होने देती है. आइए जानें…

टीएसके हार्मोन

मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने एक ऐसे हार्मोन की खोज की है, जो शरीर के फैट को कम नहीं होने देता है.

यह स्टडी चूहों पर की गई है. स्टडी की रिपोर्ट में सामने आया है कि इस हार्मोन के ब्लॉक होने से चूहों का ज्यादा वजन तो कम हुआ ही साथ ही उनकी मेटाबॉलिक हेल्थ भी बेहतर हुई.

शोधकर्ताओं की टीम का मानना है कि इस स्टडी के माध्यम से लोगों को बिना जिम में पसीना बहाए और डाइट में कुछ बदलाव किए ही वजन कम करने में मदद मिलेगी.

शोधकर्ताओं का कहना है कि शरीर में कई तरह के हार्मोन निकलते हैं. वहीं, शरीर में मौजूद घ्रेलिन हार्मोन भूख बढ़ाता है. साथ ही शरीर की एनर्जी कम होने पर कैलोरीज को बर्न होने से रोकता है. वहीं, लेप्टिन हार्मोन भूख को कम कर के कैलोरीज को कम करने का काम करता है.

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स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि चूहों के लिवर में TSK या tsukushi नाम का हार्मोन प्रोड्यूस हुआ. उन्होंने पाया कि इस हार्मोन की वजह से चूहों में एनर्जी बर्न होने के दौरान मेटाबॉलिज्म ने काम करना बंद कर दिया.

स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक, जब चूहों को ठंडे तापमान में रखा गया तो, उनमें इस हार्मोन का स्तर सामान्य से अधिक हो गया, क्योंकि इस दौरान चूहों का शरीर हीट जेनरेट कर रहा था.

स्टडी की लेखक Dr Jiandie Lin के मुताबिक, ‘हमें लगता है कि यह हार्मोन एनर्जी को कम करता है. वहीं, जब तेजी से एनर्जी बर्न होती है, तो यह मेटाबॉलिज्म के काम करने की प्रक्रिया पर रोक लगा देता है.’

शोधकर्ताओं ने बताया कि इस थ्योरी को टेस्ट करने के लिए चूहों को 2 ग्रुप में बांटा गया. इनमें चूहों के एक ग्रुप में टीएसके हार्मोन नहीं था, तो वहीं दूसरे ग्रुप में यह हार्मोन कंट्रोल किया गया. दोनों ही ग्रुप के चूहों को थोड़े समय के लिए भूखा रखा गया.

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नतीजों में सामने आया कि जिन चूहों में टीएसके हार्मोन नहीं था, उनका दूसरे चूहों के मुकाबले ज्यादा वजन कम हुआ. साथ ही उन चूहों का बॉडी टेंपरेचर भी ज्यादा था और उन चूहों ने ज्यादा एनर्जी बर्न की.

इसके बाद शोधकर्ताओं ने दोनों ग्रुप के चूहों को हाई फैट डाइट दी. नतीजों में सामने आया कि बिना टीएसके हार्मोन वाले चूहों का सिर्फ 30 फीसदी वजन बढ़ा. जबकि, टीएसके हार्मोन वाले चूहों का वजन डबल हो गया.

भविष्य में होने वाली रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं की टीम ये जानने की कोशिश करेगी कि टीएसके हार्मोन और ब्राउन फैट में कोई संबंध है या नहीं, जो एनर्जी बर्न करता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि मोटापे से पीड़ित व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज, स्ट्रोक, हार्ट अटैक और कई प्रकार के कैंसर होने का खतरा रहता है. लेकिन इस स्टडी के बाद लोगों को आसानी से वजन कम करने में मदद मिलेगी.

 

 

 

 

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