वेस्टर्न कल्चर के इस दौर में इतिहास को यू ताजा करतीं मुस्लिम बच्चियां

रिपोर्ट- जावेद चौधरी

हापुड़ । आज के इस फैशन के दौर में जहां वेस्टर्न वॉर बॉलीवुड हॉलीवुड का समान है वहीं दूसरी ओर हापुड़ के एक कॉलेज में हमें शास्त्रीय कत्थक नृत्य और संगीत का संगम देखने को मिल रहा है।

वेस्टर्न कल्चर

हापुड के बुलंद शहर रोड स्तिथ माध्यमिक विद्यालयों में पहली बार कत्थक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। छत्राओ ने बढ़चढ़ कर लिया भाग। छह दिन सिखाया जाएगा कथक।

हापुड़ के इस विद्यालय में 80% बच्चे अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय से आती है जो कि शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य में काफी रुचि ले रही हैं। और आने वाले समय में वह अपना नाम रोशन भी करेंगे।

गौरतलब है कि बुलंदशहर रोड स्थित नगर के प्रतिष्ठित विद्यालय जैन कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज, हापुड़ में पहली बार छ: दिवसीय कत्थक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

आसरा डूंगरपुर कालोनी का सीवर सिस्टम फैल मोके पर पहुंचे ए डीएम प्रशासन और फैसल लाला

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर व सरस्वती वंदना के द्वारा हुआ। दीप प्रज्वलन विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती पारुल त्यागी तथा एस.जी.एस फाउंडेशन के द्वारा किया गया।इस कार्यशाला में शास्त्रीय नृत्य के प्रखंड जगत विख्यात महागुरु श्री बिरजू महाराज के शिष्य विकास कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

पूरे कार्यक्रम के दौरान कत्थक सीख रहे मुस्लिम बच्चों ने बताया कि पहले उनके माता-पिता कत्थक के लिए मना करते थे लेकिन जब उन्होंने अपने माता-पिता को समझाया तो उनके माता-पिता ने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया है।

सर्व शिक्षा अभियान का बना मजाक,स्कूली बच्चे बने मजदूर 

प्रधानाचार्या ने बताया गया कि कत्थक कार्यशाला माध्यमिक विद्यालयों में पहली बार आयोजित की जा रही है, जो किसी विभाग के द्वारा नहीं बल्कि विद्यालय स्तर से स्वयं के द्वारा आयोजित हो रही है। इस तरह के कार्यक्रम विद्यालय में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, जिससे छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

 

 

 

LIVE TV