विपक्ष का सवाल – कब सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल? जाने क्या कहा सरकार ने

आज सरकारी तेल कंपनियों की ओर से लगातार तीसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। आसमान छूती तेल कीमतों से जनता भी परेशान है। तेल महंगा होने का मामला राज्यसभा में भी उठा। इस संदर्भ में प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने पूछा कि, ‘सीता माता के देश नेपाल और रावण के देश श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल सस्ता है, तो राम के देश में सरकार दाम कब कम करेगी?’

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, ‘देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक अंतरराष्ट्रीय मूल्य प्रणाली के तहत नियंत्रित होती हैं। पिछले 300 दिनों में करीब 60 दिन तेल की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है। इन देशों से भारत की तुलना करना सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत और इन देशों में केरोसीन की कीमत में काफी अंतर है। बांग्लादेश और नेपाल में केरोसीन क्रमश: 57 से 59 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन भारत में केरोसीन 32 रुपये प्रति लीटर है।’
उन्होंने संकेत दिया कि सरकार फ्यूल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं करेगी। ऐसे में महंगाई बढ़ने का अंदेशा है। कीमतें बढ़ने को लेकर केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती। इन्हें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर करती हैं। इसके दाम कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करते हैं।’

वहीं कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने सवाल किया कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें उच्चतम स्तर पर हैं, जबकि कच्चा तेल उच्चतम स्तर पर नहीं है? जवाब में प्रधान ने कहा कि, ‘हमें टैक्स से जुड़े मामले बहुत ध्यान से देखने होते हैं। पिछले 300 दिनों में से 60 दिन ऐसे हैं, जब कीमतें बढ़ी। पेट्रोल सात दिन और डीजल की कीमत 21 दिन घटाई गई है। वहीं 250 दिन कीमतों में बदलाव नहीं किया गया। इसलिए यह कहकर कैंपेन करना कि पेट्रोल-डीजल के दाम ऑल-टाइम हाई हैं, असंगत है।’

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