वायरस का खौफ, भारतीय छात्रों ने ब्रिटेन के उच्चायोग में शरण ली

भारतीय छात्रों के एक समूह ने शनिवार रात को लंदन  में भारतीय उच्चायोग के परिसर में शरण मांगी. उन्होंने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर यात्रा पाबंदियों के बावजूद विमान से भारत  भेजे जाने की मांग की है। भारतीय सामुदायिक समूहों की मदद से रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की पेशकश को 19 छात्रों के इस समूह ने ठुकरा दिया। इनमें से ज्यादातर छात्र  तेलंगाना के हैं।दरअसल भारत ने ब्रिटेन और यूरोप के यात्रियों पर इस महीने के अंत तक प्रतिबंध लगा रखा है। ब्रिटेन में शनिवार तक कोरोना वायरस के 5,018 मामले सामने आए और 233 लोगों की मौत हो चुकी है।ब्रिटेन में भारतीय दूतावास से मदद मांग रहे हैं भारतीय छात्र. (Photo Credit : न्यूज स्टेट )

वैकल्पिक आवास दिए गए
फंसे हुए छात्रों के लिए व्यवस्था करने पर काम कर रहे समुदाय के एक नेता ने कहा, ‘भारतीय समुदाय ने उनकी मदद करने की कोशिश की और शुरुआत में यह 59 छात्रों का समूह था जिनमें से 40 को वैकल्पिक आवास की सुविधा आवंटित की गई लेकिन बाकी के 19 ने वहां जाने से इनकार कर दिया.’ इनमें से कई ने इस महीने भारत के लिए विमान की टिकट बुक कराई थी. हालांकि भारत ने इस सप्ताह यात्रा परामर्श जारी कर कहा कि 18 मार्च को आधी रात के बाद से 31 मार्च तक भारत में किसी भी यात्री को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आखिरी क्षण विमान टिकट रद्द
उन्होंने कहा, ‘कोई विमान नहीं है और हम इस मौके पर उनकी जिंदगियों को खतरे में नहीं डाल सकते. उन्हें उच्चायोग की इमारत में प्रवेश करने दिया गया और भोजन, पानी तथा अस्थायी आवास मुहैया कराया गया लेकिन वे अपने बैग और सामान के साथ बाहर रह रहे हैं.’ आखिरी मिनट में विमान की टिकटें रद्द होने से कई छात्रों ने भारतीय उच्चायोग से सोशल मीडिया पर सहायता मांगी थी. भारतीय मिशन ने ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली शुरू की और भारतीय समुदाय के समूहों के लिए संर्पक की सूचना भी साझा की।

उच्चायोग से लगाई मदद की गुहार
एक छात्र ने उच्चायोग से अपील की, ‘मैं भारतीय नागरिक हूं और अभी छात्र वीजा पर ब्रिटेन के न्यूकैसल में हूं. मेरी वीजा की अवधि 24 मार्च 2020 को समाप्त हो गई. मुझे 23 मार्च 2020 को भारत की यात्रा करनी थी और भारतीय नियम के अनुसार कोविड-19 के कारण सभी उड़ानें रद्द कर दी गई. मुझे क्या करना चाहिए.’ ऐसे छात्रों को ब्रिटेन के गृह विभाग की कोरोना वायरस आव्रजन हेल्पलाइन से सहायता मांगने की सलाह दी जा रही है. इस बीच गृह विभाग ने कहा कि मौजूदा हालात असाधारण हैं और उन छात्रों या कर्मचारियों के खिलाफ कोई अनुपालन संबंधी कार्रवाई नहीं की जाएगी जो कोरोना वायरस के कारण अपनी पढ़ाई या काम नहीं कर पा रहे हैं।

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