लॉकडाउन के वजह से नहीं मिल पा रहा इलाज, इस एशियाई चैंपियन मुक्केबाज को!
कभी खेल के मैदान में जीतने वाले खिलाड़ी एशियाई चैंपियन मुक्केबाज डिंको सिंह आज खुद को हरा हुआ महसूस कर रहें हैं। कोरोना वायरस के कारण उनका इलाज नहींं हो पा रहा है।लॉकडाउन होने की वजह से इंफाल में फसें जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। डिंको सिंह अपनी कैंसर की समस्या से परेशान हैं,जिसके कारण उनकी तबीयत और खराब होती जा रही हैं।बैंकॉक एशियाड (1998) में देश को स्वर्ण दिलाया हैं।
लेकिन उनका इलाज दिल्ली में चल रहा है जहां कीमोथेरपी होनी है। 24 मार्च से 19 अप्रैल तक डिंको की पत्नी तीन बार दिल्ली की हवाई टिकट बुक करा चुकी हैं, लेकिन हर बार रद्द हो गया।
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सड़क मार्ग से भी लाने को कोई तैयार नहीं :अर्जुन अवॉर्डी, पद्मश्री डिंको को यह बीमारी फिर उभर आई। वह 10 मार्च को दिल्ली के लीवर संस्थान से इंफाल रवाना हुए। 25 मार्च को दिखाना था, पर 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हो गई। डिंको कहते हैं कि पत्नी बबई तो सड़क मार्ग से लाने को तैयार हैं, पर कोई आने को तैयार नहीं है। बबई का कहना है कि इनका वजन 80 से 64 किलो रह गया है।
इंफाल में नहीं मिल रहा इलाज-इलाज के लिए घर तक बेच देने वाले डिंको इंफाल में कई डॉक्टरों से बात चुके हैं, लेकिन जो इलाज चाहिए वह वहां नहीं है। बावजूद इसके डिंको की पत्नी उन्हें सोमवार को इंफाल लेकर जा रही हैं। वह कहती हैं कि एयर एंबुलेंस से दिल्ली जाया जा सकता है, पर उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
दिल्ली में डिंको का ऑपरेशन करने वाले डॉ. विनयइंद्र पामेचा का कहना है कि डिंको का फोन आया था। उन्होंने उनसे कहा है कि इंफाल में कैंसर के विशेषज्ञ के पास जाएं और उनसे उनकी बात करा दें। कैंसर विशेषज्ञ ही उनकी कोमीथेरेपी कर सकते हैं।