लॉकडाउन की वजह से शुद्ध हो रहा है वातावरण, बढ़ा ऑक्सीजन का स्तर…

कोरोना वायरस की वजह से नदियां साफ दिखाई दे रही हैं। यह बात दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कही है। यमुना नदी में ऑक्सीजन की बढ़ोतरी लगातार हो रही है। इस बात का खुलासा बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड में हुआ है।

 

लॉकडाउन की वजह से शुद्ध हो रहा है वातावरण, बढ़ा ऑक्सीजन का स्तर...
कमेटी ने अपने आकलन में लॉकडाउन अवधि की तुलना पिछले साल के अप्रैल माह से की है। डीपीसीसी ने यमुना के नौ जगह से और 20 नालों से भी पानी का सैंपल लिया। डीपीसीसी ने बताया है कि औद्योगिक कचरे के बंद होने से और पानी के बहाव की वजह से नदी इतनी स्वच्छ है। हालांकि डीपीसीसी ने ये भी कहा कि भले ही नदी के पानी की
गुणवत्ता में सुधार हुआ है लेकिन अब भी यह मानकों पर खरा नहीं उतरता क्योंकि नदी में अब भी घरेलू नालों का पानी जा रहा है।

ओखला बैराज पर बीओडी के लिहाज से प्रदूषण देखें तो इसमें 18 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं निजामुद्दीन ब्रिज पर 20 प्रतिशत की, आगरा कैनाल जो ओखला बैराज पर स्थित है वहां तो प्रदूषण में 33 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि आईटीओ पुल पर 21 प्रतिशत और कुदसिया घाट पर 4 प्रतिशत प्रदूषण की कमी आई है।

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वहीं बात अगर पल्ला और सुरघाट की जाए, दिल्ली में प्रवेश के बाद जहां से सबसे पहले पहले यमुना गुजरती है तो यहां के पानी की गुणवत्ता में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन दोनों जगह का पानी नहाने लायक(क्लास सी) है। रिपोर्ट के अनुसार किसी भी जगह का पानी इस श्रेणी का नहीं है। लेकिन खजूरी प्लाटून पूल एक मात्र ऐसी जगह है जहां के पानी में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।

 

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