आतंकियों ने लगा दी लाल किले में सेंध, जमा किया इतना बारूद कि दहल जाए हिन्दुस्तान!

लाल किले में तबाहीनई दिल्ली। लाल किले में तबाही का सामान भारी मात्रा में मिलने से पुलिस सकते में आ गई है। सुरक्षाकर्मियों में खलबली है कि भारी संख्या में कारतूस, हैंडग्रेनेड और राफल्स आखिर कहां से आए। यही सवाल हर किसी की जुबान पर है। फिलहाल इसके जवाब में अभी महज अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह हथियार काफी पुराने समय से यहां हों। बरामद किए गए हथियार किले में मौजूद एक कुँए से निकाले गए जहां कोई आता-जाना नहीं है। लेकिन इतनी ज्यादा मात्रा में विस्फोटकों का पाया जाना किसी बड़ी आतंकी साजिश की ओर भी इशारा करता है जिसे नकारा नहीं जा सकता। सूचना मिलते ही पुल‌िस ने तुरंत पूरे इलाके को खाली कराया और एनएसजी की टीम बुलाई गई।

लाल किले में तबाही

ख़बरों के मुताबिक़ लालकिले के अंदर से हथियारों का जखीरा मिलने की यह घटना रविवार की है। बता दें कि जब किले के कुओं की सफाई की जा रही थी तब ही यह हथियार बरामद हुए।

शुरुआती जांच में पुलिस यह मान रही है कि पुराने समय में आर्मी किले के अंदर ही रहती थी और हो सकता है कि कारतूस और विस्फोटक तब ही के हों।

हथियारों और विस्फोटकों की यह खेप पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की सफाई के दौरान मिले हैं। बरामद विस्फोटक कुएं में ऐसी जगह मिले हैं जहां आमतौर पर कोई आता-जाता नहीं है। सूत्रों का कहना है कि ऐसा जान पड़ता है कि किसी ने उन्हें वहां छुपाकर रखा था।

बताया जा रहा है कि बरामद कारतूसों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि पुलिस भी सकते में आ गई। मालूम हो कि सुरक्षा की दृष्टि से लालकिला बेहद संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में किले के अंदर से इतनी भारी मात्रा में विस्फोटकों का जखीरा मिलना इसकी सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।

बता दें कि आतंकी सन्गठन कई बार लाल किले पर हमले की धमकियां देते रहे हैं। वहीं 22 दिसंबर, साल 2000 को लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अंधाधुंध फायरिंग भी की गई थी जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। इस हमले में भारत के तीन जवान शहीद हो गए थे।

ऐसे में विस्फोटक और हथियारों की इतनी भारी मात्रा का लाल किले में पाया जाना बेहद ही चौकाने वाला मामला है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। फिलहाल मामला अभी कयासों पर अटका हुआ है। असल हकीकत जांच के बाद ही साफ़ होगी।

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