भारत में छोटी जलविद्युत परियोजनाएं लगाने को उत्सुक रूस
मॉस्को। रूस की रोसएटम स्टेट अटॉमिक इनर्जी कॉरपोरेशन भारत में अपने कारोबार को आगे बढ़ाने तथा छोटे कंटेनर आधारित लघु जल विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए भारत सरकार और भारत की निजी कंपनियों के साथ प्रारंभिक बातचीत कर रही है।
इससे रोसएटम परमाणु संयंत्र के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी कदम रख सकेगी। एक अधिकारी ने कहा, “भारत में 0.5 से दो मेगावॉट की लघु जल विद्युत परियोजना की योजना बनाई गई है।”
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यह बातचीत कंपनी की इंजीनियरिंग खंड एटमइनर्गोमाश की 100 फीसदी स्वामित्व वाली हंगरी की कंपनी गंज इंजीनियरिंग एंड इनर्जेटिक मशीनरी के माध्यम से की जा रही है।
रोसएटम इंटरनेशनल नेटवर्क के अध्यक्ष अलेक्जेंडर मर्टन ने बताया, “हम इसे रोसएटम और भारत के बीच सहयोग के एक और अवसर के रूप में देख रहे हैं। भारत स्थित हमारा कार्यालय इस दिशा में काम कर रहा है। हम इस मुद्दे पर सरकार के साथ ही निजी कंपनियों से भी बात कर रहे हैं।”
रोसएटम इंटरनेशनल नेटवर्क विदेशों में रोसएटम की कई सारी परियोजनाओं के विपणन और नेटवर्किं ग का काम देखती है।
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मर्टन ने बताया कि लघु जलविद्युत संयंत्रों को कारखाने में एसेंबल किया जाएगा। इसके बाद ग्राहकों को तीन कंटेनर की डिलीवरी की जाएगी, जिनमें टर्बाइन, इलेक्ट्रिक उपकरण और डीजल जनरेटर होंगे।
उन्होंने कहा, “भारत में अगर इसकी मांग अच्छी रहती है तो हम वहां एसेंबलिंग करने के बजाए इसकी फैक्ट्री लगाने की योजना बनाएंगे।”
गंज का जल विद्युत टर्बाइन बनाने का 180 सालों का इतिहास है और कई देशों में इसने अपने टर्बाइन स्थापित किए हैं, जिसमें नियाग्रा जलप्रपात भी शामिल है।