एक्सप्रेस वे पर बनी ‘गुप्त’ हवाई पट्टी, पहले ही ट्रायल में मिली सफलता  

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वेलखनऊ। बीते शुक्रवार को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर किए गए पहले ट्रायल से भारतीय वायुसेना संतुष्ट है। पहले ही ट्रायल में तीन लड़ाकू विमानों ने सफल लैंडिंग की। इसके बाद वायुसेना ने दूसरा ट्रायल न करने का फैसला किया।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे

ख़बरों के मुताबिक़ कानपुर के डीएम का कहना है कि वायुसेना कल के अभ्यास के बाद संतुष्ट है। वो आज ट्रायल नहीं करना चाहती।

उन्होंने बताया कि अब 21 तारीख को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया जाना है। इसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

इसी दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर उनकी यहां जनसभा भी करने की योजना है।

एक्सप्रेस वे पर बांगरमऊ तहसील के खंभौली गांव के पास तीन किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है।

उद्घाटन समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री की मौजूदगी में वायुसेना के 11 फाइटर प्लेन यहां उतरने और उड़ान भरने के प्रदर्शन के साथ ही करतब दिखाएंगे।

हवाई पट्टी के दोनों ओर स्टेज बनाए गए हैं। यहां करीब एक हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। छह बड़े टेंट लगाकर वीवीआईपी और सामान्य लोगों के अलग-अलग बैठने की व्यवस्था की जाएगी।

इस तीन किलोमीटर की हवाई पट्टी को हमेशा बनाए रखने के लिए एनएचएआई को दो सड़के और बनाने के आदेश दे दिए गए हैं। दोनों सड़कें एक्सप्रेस वे के दोनों ओर बनाई जाएंगी।

इससे आपात स्थिति आने पर दोनों सड़कों से वाहनों का आवागमन सुचारू रहेगा और बीच के हिस्से में लड़ाकू विमान लैंडिंग कर सकेंगे।

दोनों सड़कें हवाई पट्टी के दोनों छोर से जोड़कर बनाई जाएंगी। सामान्य अवस्था में हवाई पट्टी पर पुलिस की लोहे वाली बेरीकेडिंग की तरह बड़ी पहिए वाली बेरीकेडिंग से डिवाइडर बनाकर वाहनों का आवागमन कराया जाएगा।

इस हवाई पट्टी को गुप्त रखा जाएगा। इसकी डीटेल सिर्फ वायुसेना के गुप्त दस्तावेजों में ही होगी। उद्घाटन के बाद इसे भुला दिया जाएगा।

आपात स्थिति में दुश्मनों के टारगेट पर हवाई अड्डे होंगे। ये हवाई पटि्टयां गुप्त रूप से विमानों के ईंधन भरकर रवाना करने के काम आएंगी।

बता दें वायुसेना ने आगरा और लखनऊ के बीच दो एयर स्ट्रिप की मांग की थी। पहली एयर स्ट्रिप आगरा के करीब बनाई गई है। दूसरी लखनऊ के करीब गंजमुरादाबाद में बनी है।

हवाई पट्टी के निरीक्षण के लिए शुक्रवार सुबह सात बजे से ही वायुसेना, प्रशासन और पुलिस के अफसर एक्सप्रेस-वे पर पहुंच गए।

ख़बरों के मुताबिक़ सुरक्षा का पूरा जिम्मा वायुसेना ने स्थानीय पुलिस को दे दिया। नौ बजे तक प्रमुख सचिव सूचना, धर्मार्थ एवं यूपीडा के चेयरमैन व मुख्य कार्यपालक अधिकारी नवनीत सहगल भी मौके पर पहुंच गए। शुक्रवार को घंटे भर चले ट्रायल के दौरान 23 बार लैंडिंग परीक्षण किए गए।

एक बार पांच विमानों ने एक साथ हवा में करतब दिखाते हुए धुएं की लंबी घुमावदार लाइनें बनाईं। दो बार तीन-तीन विमानों ने हवा में करतब दिखाए।

पहला ट्रायल करीब 1।07 पर तीनों विमानों ने एक साथ किया। फिर 1।20 पर एक-एक कर लड़ाकू विमानों ने लैंडिंग की। धीरे-धीरे विमान अपनी ऊंचाई कम करते जा रहे थे।

300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ रहे विमानों ने अंतिम दौर में टायर भी खोल दिए। इससे विमानों की दूरी हवाई पट्टी से एक मीटर से भी कम रह गई। इसके साथ सफलता पूर्वक लैंडिंग की गयी।

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