‘रोहिंग्याओं के खिलाफ द्वेषपूर्ण बातें फैलाने के लिए फेसबुक जिम्मेदार’

जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ द्वेषपूर्ण भाषण फैलाने में भूमिका निभाने के लिए फेसबुक को जिम्मेदार ठहराया। म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय फैक्ट फाइंडिंग मिशन के अध्यक्ष मारजुकी डारुस्मन ने सोमवार को कहा कि म्यांमार में सोशल मीडिया मंच ने एक निर्धारक भूमिक अदा की।

रोहिंग्याओं

एबीसी ऑनलाइन ने डारुस्मन के हवाले से कहा, “जहां तक म्यांमार के हालात की बात है, सोशल मीडिया फेसबुक है और फेसबुक सोशल मीडिया है।”

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डारुस्मन ने कहा, “(सोशल मीडिया) उसने. कटुता, विरोधाभास और संघर्ष के स्तर को बढ़ाने में काफी योगदान दिया।”

म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की जांचकर्ता यांगही ली ने कहा, “म्यांमार में फेसबुक के जरिए सबकुछ किया गया। इसका उपयोग द्वेषपूर्ण भाषण फैलाने के लिए किया गया।”

उन्होंने कहा, “मुझे डर है कि फेसबुक अब एक जानवर में बदल चुका है और अपने मूल रास्ते से भटक चुका है।”

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ली जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बोल रही थीं।

फेसबुक ने नए आरोपों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है।

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