दिल्ली में किराया कानून के खिलाफ सड़क पर उतरे दुकानदार

रोजी-रोटी को बचानेनई दिल्ली। नई दिल्ली के शाहदरा इलाके के 8000 से ज्यादा दुकानदारों का कहना है कि उनके सामने रोजी-रोटी को बचाने लिए गंभीर संकट खड़ा हो गया है। वे अपनी सालों से चली आ रही दुकानें बंद होने और नोटिस आने से परेशान हैं। उन्होंने सोमवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। शाहदरा व्यापार महासंघ के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शन में दुकानदार एवं उनके परिवार की महिलाएं, बुजुर्ग और कर्मचारी सम्मिलित हुए और किराया कानून के खिलाफ रैली और सांकेतिक शव यात्रा निकाली और उसका दाह-संस्कार भी किया। इन दुकानदारों आरोप है कि ‘उनकी दुकानें बोनाफाइड केस, मॉडल टेनेंसी एक्ट के तहत भू-माफियों की मिलीभगत से खाली कराई जा रही हैं।’

शाहदरा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने कहा, “शाहदरा इलाके में ही 2000 से अधिक पगड़ी पर दुकानें पचासों सालों से चली आ रही हैं। ये दुकानदार अपनी दुकान की पूरी कीमत पगड़ी प्रथा के तहत पहले ही मालिकों को दे चुके हैं। फिर भी मॉडल टेनेंसी एक्ट जैसे प्रायोजित कानून और भू-माफियों की मिलीभगत से ये दुकानें मनमानी तरीके से जबरन खाली करवाई जा रही हैं। ये सब छोटे छोटे दुकानदार हैं जैसे पान वाला, चाय वाला, किराना की दुकान, हलवाई। इनका परिवार इन पर ही सालों से निर्भर है। अब ये सभी सड़क पर आ चुके हैं।”

दुकानदार योगेंद्र बंसल ने कहा, “पूरी दिल्ली में पांच लाख से अधिक दुकानें है, जिन पर 40 लाख से अधिक लोगों का जीवन-यापन होता है। दिल्ली भर के सभी दुकानदार पिछले कुछ सालों से पीड़ित हैं और इस पर न तो दिल्ली सरकार और न ही मोदी सरकार हमारी गुहार सुन रही है। शाहदरा में 200 से अधिक दुकान अभी तक खाली हो चुकी है और 500 से अधिक को नोटिस आ चुका है, जो की 15 दिन के अंदर खाली करवाई जा सकती है। दिल्ली के साथ-साथ पूरे देश मे इस आंदोलन को बड़े स्तर पर चलाया जाएगा।”

पगड़ी दुकानदार पिछले एक साल में राज्य सरकार, केंद्र सरकार से लेकर प्रधानमंत्री तक को दसियों बार ज्ञापन दे चुके हैं और कानून में संशोधन की मांग कर चुके हैं कि जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में एक संतुलित किराया कानून लागू है, उसी तरह दिल्ली में भी ये लागू किया जाए, जिससे न तो प्रॉपर्टी मालिक का नुकसान हो और न ही इन छोटे मंझोले दुकानवालों का।

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