रोजाना 60 मिनट व्‍यायाम से 7 साल बढ़ सकती है जिन्दगी…

क्‍या आप जानते हैं कि दिल की बीमारी को होने से रोकने के लिए दी जाने वाली ऐस्प्रिन टेबलेट खाने का कोई लाभ नहीं है, अलबत्‍ता जिन्‍हें दिल की बीमारी हो चुकी है, वे अगर ऐस्प्रिन खा रहे हैं तो उन्‍हें जरूर खाते रहना है। इसके अलावा एटरवास्‍टेटिन दवा का लाभ दिल की बीमारी को होने से रोकने में अवश्‍य हो रहा है। यह बात अगस्‍त 2018 में हुई यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की कॉन्‍फ्रेंस में सामने आयी थी, इसके बाद अब अमेरिकन फि‍जिकल एक्टिविटी गाइडलाइंस जारी की गयी हैं।

रोजाना 20 मिनट व्‍यायाम से बढ़ जाएंगी गयी जिन्‍दगी

इस बारे में जानकारी केजीएमयू के हृदय रोग विभाग के पूर्व विभागाध्‍यक्ष व वर्तमान में मेदान्‍ता हॉस्पिटल के हार्ट स्‍पे‍शियलिस्‍ट डॉ आरके सरन ने एक मुलाकात के दौरान दी। उन्‍होंने बताया कि अमेरिकन गाइडलाइंस के अनुसार 40 वर्ष से ऊपर की आयु वाले लोगों को एक सप्‍ताह में 30 मिनट प्रतिदिन या 150 मिनट प्रति सप्‍ताह व्‍यायाम करना चाहिये जबकि 40 वर्ष से नीचे के लोगों को 300 मिनट प्रति सप्‍ताह व्‍यायाम करना चाहिये।

डॉ सरन बताते हैं कि जिस तरह स्‍कूलों में पीटी वाले व्‍यायाम कराये जाते हैं उस तरह के स्‍ट्रेचिंग वाले व्‍यायाम हफ्ते में दो बार अवश्‍य करनी चाहिये। उन्‍होंने बताया कि स्‍टडी में पाया गया है कि जो व्‍यक्ति 20 मिनट रोज व्‍यायाम करते थे उनकी आयु 4 साल बढ़ गयी तथा 40 मिनट रोज जिन व्‍यक्तियों ने व्‍यायाम किया उनकी उम्र 6 साल बढ़ गयी जबकि 60 मिनट प्रतिदिन व्‍यायाम करने वाले व्‍यक्तियों की आयु करीब 7 साल बढ़ी पायी गयी।

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उन्‍होंने बताया कि व्‍यायाम करने के लाभ अगर देखे जायें तो उनमें दिल का स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर रहना, ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित रखने, वजन कम करने, विभिन्‍न प्रकार के कॉमन कैंसर से बचने, हड्डियों को मजबूत करने, फ्रैक्‍चर कम होने, अवसाद, घबराहट कम होना आदि शामिल हैं। डॉ सरन ने कहा कि गाइडलाइन्‍स में इस बार का स्‍लोगन है ‘SIT LESS MOVE MORE’ यानी बैठो कम चलो ज्‍यादा।

डॉ सरन ने कहा कि अक्‍सर लोग कहते हैं कि उन्‍हें व्‍यायाम का समय नहीं मिलता तो ऐसे लोगों के लिए सुझाव दिया गया है कि वे टीवी देखते समय, न्‍यूज पेपर पढ़ते समय स्‍टेटिक साइकिलिंग करें। उन्‍होंने कहा कि इसी प्रकार लिफ़ट की जगह सीढ़ियों का इस्‍तेमाल करें। उन्‍होंने कहा कि लोगों को चाहिये रोजाना दस हजार कदम जरूर चलें और अगर नहीं चल सकते हैं तो कम से कम 6 हजार कदम अवश्‍य चलें, इसके गिनने के लिए लोग स्‍टेप गिनने वाली घड़ी की आवश्‍यकता होगी। उन्‍होंने बताया कि नेशनल जरनल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जामा) में ये गाइडलाइन्‍स छपी हुई हैं।

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