मोदी जी ध्यान रखे, ‘RBI गवर्नर सरकार का नौकर नहीं होता’
नई दिल्ली। रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपनी किताब में केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े किये हैं। राजन ने अपनी किताब ‘आई डू वॉट आई डू’ के ज़रिये कई बड़े खुलासे किये हैं। उन्होंने कहा है कि, ‘भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर केन्द्र सरकार के अन्य अधिकारियों की तरह नहीं होता है’। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि, ‘अगर केन्द्र सरकार आरबीआई के गवर्नर को नौकरशाह समझती है तो यह केंद्र सरकार की बड़ी भूल है’।
बता दें कि रघुराम राजन 2003 से लेकर 2008 तक RBI के गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
अभी-अभी : जेल में राम रहीम का नया कारनामा, पुलिसवालों से कर दी अनोखी फरमाइश
राजन के मुताबिक आरबीआई गवर्नर के पद को लेकर केन्द्र सरकार को अपने रवैये में सुधार करने की जरूरत है। इनसे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने भी एक किताब लिखी थी और इसमें उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों के बारे में ज़िक्र किया था।
इसी पंक्ति में एक और पूर्व आरबीआई गवर्नर वेणुगोपाल रेड्डी ने अपने कार्यकाल के बारे में बताया था।
बता दें कि रघुराम राजन ने यह सारी बातें अपनी किताब ‘I Do What I Do: On Reforms Rhetoric and Resolve’ (मुझे जो करना होता है, वह मैं करता हूं: सुधारों का शोरगुल और संकल्प) में लिखीं हैं। जो कि अगले सप्ताह आने वाली है।
नीतीश ने दिखाया पॉवर का डबल डोज, एक झटके में उड़ा दिए लालू के होश, धरा रह गया बना बनाया प्लान
ख़बरों के मुताबिक राजन ने केंद्र सरकार को नोटबंदी के फैसलें पर पहले ही चेताया था। उन्होंने इस बारे में कहा था कि, ‘इस फैसलें से बड़ा नुकसान हो सकता है। यही नहीं उन्होंने ऐसे दूसरे तरीके भी सुझाए थे जिनसे सिस्टम में कालाधन वापस लाया जा सकता था।
इन्हीं सब बातों पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि, ‘ऐसा न केवल मौजूदा केंद्र सरकार ने किया है, बल्कि इससे पहले की सरकारें भी ऐसे ही कदम उठाती रहीं हैं, जिसकी वजह से भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारों द्वारा RBI गवर्नर की ताकतों को कम करने का प्रयास किया जाता रहा है।