भारतीय वैज्ञानिको का सबसे बड़ा मिशन चंद्रयान -2 अब अपनी मंजिल पर पूरी तरह से पहुंच चुका हैं। वहीं वैज्ञानिकों के रिसर्च में खुलासा हुआ हैं की अगर मंगल ग्रह पर निवाश निश्चित है तो छह पैर वाले कीड़े खाकर रहना पड़ सकता हैं।
वहीं दिन तरक्की करते जा रहा है। विज्ञान का व्यापक उपयोग कर वह अब दूसरे ग्रह पर भी जीवन की संभावना की तलाश कर रहा है। इसी कड़ी में मंगल ग्रह पर रहने के लिए काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में अगर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन और खाने के लिए भोजन मिल जाए तो जीवन आसान हो सकता है।
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लेकिन वैज्ञानिक दिन-रात इसी की तलाश में लगे हुए हैं कि किस प्रकार के भोजन को वहां जल्दी से जल्दी उपलब्ध कराया जाए। इसी भोजन की तलाश में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है।
आइए जानते हैं क्या खास है इस शोध में…
खबरों के मुताबिक अनुमान लगाया गया है कि मंगल ग्रह पर सौर ऊर्जा, बर्फ और कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद है। अगर यह तीनों चीज मौजूद हैं तो पानी और ऑक्सीजन आसानी से बनाया जा सकता है। भले ही ऑक्सीजन और पानी बन जाए लेकिन भोजन का स्रोत तैयार करने में अभी वक्त लगेगा। भोजन के स्रोत पर शोध करते हुए फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि मंगल पर खाना का बेहतर स्रोत कीड़े हो सकते हैं। आटे में पैदा होने वाले छह पैर वाले कीड़ों को भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने स्पेसएक्स के एलन मस्क के दस्तावेजों के आधार पर एक योजना तैयार की है, जिसमें 10 लाख लोगों की बस्ती को मंगल ग्रह पर बसाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कीड़ों के अलावा लैब में बना मीट और डेयरी उत्पाद भी भोजन के विकल्प हो सकते हैं।
स्पेसएक्स जैसी धनी और निजी स्पेस कंपनियां पिछले कुछ सालों से मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बसाने के प्रयास में हैं। 50 से 100 सालों के भीतर से कंपनियां मंगल ग्रह पर पूरी एक सभ्यता को विकसित करना चाहती हैं।
दरअसल सूर्य के प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण सब्जियों का उत्पादन करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि मीट और डेयरी उत्पादों को लैब में आसानी से बनाया जा सकता है।
जहां इसके अलावा यदि लाल ग्रह पर एक कीट फार्म को तैयार कर लिया जाए तो यह खाने की जरूरतों को पूरा कर सकता है, क्योंकि कीट बहुत कम पानी पर जिंदा रहते हैं और वो कैलोरी के बेहतर स्रोत होते हैं।
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