रिसर्च में हुआ खुलासा ! दुनिया में सबसे ज्यादा टीबी का खतरा , जाने कैसे…

रिसर्च में खुलासा हुआ हैं की एक-तिहाई आबादी पर खतरा ज्यादा मंडरा रहा हैं. वहीं एक अध्यन में पता चला हैं की दुनिया के हर चार में से एक व्यक्ति के शरीर में तपेदिक का बैक्टीरिया मौजूद है. बतादे की दुनिया में बिमारी का जंजाल फ़ैल रहा हैं. वहीं देखा जाये तो क्षय रोग, माइक्रोबैक्टीरियम टुबरकोलोसिस नामक बैक्टीरिया से होता है, लेकिन हर साल एक करोड़ लोग प्रभावित होते हैं और लगभग 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है. जहां यह सबसे घातक संक्रामक रोग है.

 

 

दरअसल इसके अलावा, कई लोग इस बैक्टिरीया से ग्रसित होते हैं, लेकिन उन्हें सक्रिय तपेदिक रोग नहीं होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2035 तक दुनिया से तपेदिक को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी निष्क्रिय तपेदिक रोग की चपेट में है.

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वहीं डेनमार्क के आरहौस यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्चियन वेजसे का कहना है, “इस लक्ष्य को उन लोगों का इलाज किए बिना प्राप्त करना मुश्किल है, जिन्हें सक्रिय तपेदिक रोग नहीं है. क्योंकि अगर शरीर में इसका बैक्टीरिया मौजूद है तो उस व्यक्ति को जीवन में कभी भी तपेदिक रोग हो सकता है.”

टीबी का इलाज-

टीबी का इलाज अब पूरी तरह संभव है. टीबी की पहचान के बाद अपने डॉक्टर की सलाह से एंटी टीबी दवाइयों से तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए. टीबी के इलाज के लिए एंटीबॉयोटिक्स का 6 से 8 महीनों का कोर्स होता है.

टीबी से ऐसे बचें –

वहीं टीबी की चपेट में आने से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें, जहां आप नियमित रूप से संक्रमित लोगों के संपर्क में आ सकते हैं. अपनी सेहत का ख्याल रखें और नियमित रूप से अपनी शारीरिक जांचे कराते रहें. टीबी का इलाज पूरी तरह मुमकिन है. सरकारी अस्पतालों और डॉट्स सेंटरों में इसका फ्री इलाज होता है. टीबी का इलाज लंबा चलता है. इसे ठीक होने में 6 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है.

 

 

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