रिसर्च में हुआ खुलासा ! अब ट्रेस हो सकते हैं WhatsApp मैसेज , जाने कैसे…

WhatsApp एंड टु एंड एन्क्रिप्शन पर काम करता हैं। वहीं इसके द्वारा की गई बातचीत (चैट्स) न तो ये कंपनी पढ़ सकती है और न ही कोई थर्ड पर्सन या एजेंसी इसे ट्रेस भी नहीं किया जा सकता है। लेकिन आईआईटी मद्रास के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि WhatsApp और Facebook के मैसेज का ऑरिजिन ट्रेस कर पाना मुमकिन है।

 

बतादे की भारत सरकार WhatsApp से लगातार ये कहती आई है कि कंपनी एक टूल बना कर दे जिससे WhatsApp में सेंडर को ट्रेस किया जा सके। लेकिन इसका मकसद फेक न्यूज और अफवाह रोकना है। वहीं WhatsApp ने ये साफ कहा है कि ऐसा संभव नहीं है और अगर ऐसा होता है तो WhatsApp जिस खूबी के लिए जाना जाता है वो ही खत्म हो जाएगा।

बरसात के बाद सड़कों पर पहुंची गंदगी, लोगों ने किया प्रदर्शन !

खबरों के मुताबिक आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर ने मद्रास हाई कोर्ट को बताया है कि फेसबुक और वॉट्सऐप पर भेजे गए मैसेज के ऑरिजनल सेंडर को ट्रेस कर पाना टेक्निकली संभव है।

वहीं प्रोफेसर V Kamakoti ने जस्टिस एस. मणिकुमार और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद एक पीआईएल की सुनवाई कर रहे हैं। लेकिन इसमें सोशल मीडिया से आधार कार्ड लिंक करने की बात की है, ताकि साइबर क्राइम में आरोपी की पहचान की जा सके।

दरअसल प्रोफेसर Kamakoti का कहना हैं की वॉट्सऐप और फेसबुक मैसेज में आईडेंटिफिकेशन टैग लगाए जा सकते हैं ताकि इनका ऑरिजन पता किया जा सके। जहां मैसेंजर और वॉट्सऐप के चैट्स एन्क्रिप्टेड होते हैं, इसलिए कंपनियां ऐसा करना असंभव बताती हैं।

वहीं बेंच ने प्रोफेसर और उनकी टीम को अपने व्यू 31 जुलाई तक फाइल करने को कहा है ताकि इसे सोशल मीडिया कंपनियों को दिया जा सके और इस मैटर पर उनका रिएक्शन जाना जा सके।

 

LIVE TV