रिश्वतखोरी में फंसे 3 मंत्रियों के निजी सचिवों पर कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वतखोरी के आरोप में फंसे तीन मंत्रियों के निजी सचिवों की जांच एसआईटी को सौंपी है। मुख्यमंत्री ने आरोपी तीनों कर्मियों के तत्काल निलंबन के साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं।

एसआईटी लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। आईजी, एसटीएफ और सतर्कता अधिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारी भी एसआईटी के सदस्य होंगे। इसके अलावा विशेष सचिव (आईटी) राकेश वर्मा जांच में एसआईटी को सहयोग देंगे। मुख्यमंत्री ने एसआईटी को जांच कर 10 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा सभी अन्य ऐसे मामलों की समीक्षा के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को एक स्टिंग आपरेशन में मंत्रियों के विधानभवन स्थित मंत्रियों के कार्यालय में उनके निजी सचिवों को एक ट्रांसफर, ठेके आदि में डीलिंग करते पकड़ा गया है। इनमें मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडेय और संदीप सिंह के निजी सचिव शामिल हैं।

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मामले के संज्ञान में आने पर मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि पीएस ओ.पी. कश्यप जूता-मोजा के जिस टेंडर में कमीशन मांग रहा था, वह मामला शिक्षा विभाग और शिक्षामंत्री से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने मंत्रालय के प्रमुख सचिव महेश गुप्ता को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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