मोदी की सहमति पर NDA ने चुना राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार, दलित रामनाथ कोविंद पर लगाई मुहर

रामनाथ कोविंदनई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अशोक रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में कोविंद के नाम का ऐलान किया।

रामनाथ कोविंद का नाम क्‍यों  

बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सामने रखकर मोदी और शाह की जोड़ी ने बड़ा दांव चला है, भाजपा के बड़े दलित चेहरे रहे रामनाथ कोविंद राजनीति के भी मंझे हुए खिलाड़ी रहे हैं।

हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले कोविंद को कानून का अच्छा जानकार माना जाता है ऐसे में राष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर तमाम तरह की कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर भी उनका अनुभव काम आ सकता है।

वहीं राष्ट्रपति पद के लिए दलित चेहरे का नाम आगे कर भाजपा ने दलितों की राजनीति करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती और अन्य दलित नेताओं को एक बार फिर खाली हाथ करने की तैयारी कर ली है। खास बात ये है कि दलित चेहरे के नाम पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को भी कोविंद के नाम पर शायद ही आपत्ति होगी, वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए भी उनकी उम्‍मीदवारी को समर्थन न करना मुश्किल हो जाएगा।

जीवन परिचय

राम नाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की (वर्तमान में कानपुर देहात जिला ) , तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई।

राजनीति करियर

वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के निर्वाचित हुए। वर्ष 2000 में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।

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