राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 में किताबी बोझ घटाकर छात्रों को रचनात्मकता वाली सोच व प्रायोगिक पढ़ाई पर जोर दिया गया

pragya mishra

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के डायरेक्टर प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी ने सोमवार को कहा कोरोना महामारी को देखते हुए पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को तर्कसंगत बतनाया जाएगा।

सरकार के ऑटोनॉमस संस्थान राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के डायरेक्टर प्रो दिनेश प्रसाद सकलानी ने सोमवार को कहा कोरोना महामारी को देखते हुए पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को तर्कसंगत बतनाया जाएगा। जिससे  कि कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों का वर्कलोड घटाया जा सके। एएनाआई से बात करते हुए प्रोफेसर सकलानी ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। इससे बच्चों की पढ़ाई को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। इसी को देखते हुए एनसीईआरटी ने किताबों से कुछ सामग्री घटाई है। मैं कहना चाहूंगा कि सिर्फ इतिहास की किताबों से नहीं बल्कि साइंस, मैथ्स, सामाजिक विज्ञान और राजनीति विज्ञान से भी सामग्री की गई है। यह फैसला विशेषज्ञों और सभी विषयों के शिक्षकों द्वारा लिया गया है, एनसीईआरटी ने इसे स्वीकार किया है।

एनसीईआरटी की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 में किताबी बोझ घटाकर छात्रों को रचनात्मकता वाली सोच व प्रायोगिक पढ़ाई पर जोर दिया गया है। इसी के चलते एनसीईआरटी ने सभी कक्षाओं  की सभी पाठ्यपुस्तकों से कुछ सामग्री घटाई है। इतना नहीं सभी कक्षाओं के छात्रों  के लिए एनसीईआरटी द्वारा लर्निंग आउटकम पहले ही विकसित किया जा चुका है। इसे भी लागू करने के लिए विचार किया जा रहा है। एनसीईआरटी वेबसाइट नोटिफिकेशन के अनुसार, एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 6 से 12 तक की किताबों  से हिस्ट्री, मैथ्स, सांइस और पॉलिटिकल साइंस कुछ चैप्टर घटाए गए हैं। इसी क्रम में कक्षा 7 की हिस्ट्री की किताब से दिल्ली सल्तनत से जुड़े कुछ पेजों को हटाया गया है। इस किताब में तुगलक, खिलजी, लोदी और मुगल शासकों से जुड़े चैप्टर्स हैं। जब इतिहास की किताबों से कुछ चैप्टर हटाने की बात एनसीईआरटी डायरेक्टर से पूछी गई तो उन्होंने  बताया कि जो भी बदलाव किए गए हैं वे बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों व विशेषकों द्वारा किए  गए हैं। एनसीईआरटी अपनी ओर से कोई भी बदलाव नहीं करता।

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