मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण पर जो कहा वो हिन्दुओं को जरूर सुनना चाहिए

नागपुर| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को यहां कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए हिंदुओं को हिंसा करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें दृढ़ होना चाहिए कि सरकार इसके लिए कानून बनाए।

अयोध्या में राम मंदिर

भागवत ने यहां विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में कहा, “हमें लड़ने की जरूरत नहीं है, लेकिन दृढ़ होने की जरूरत है। हमें ऐसा माहौल बनाना होगा कि सरकार को अब मंदिर बनाना चाहिए। हमें अब सरकार से इसके लिए कानून बनाने की मांग करनी है। हमें सरकार पर दवाब बनाने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “अगर एक सरकार मंदिर बनाना चाहती है और नहीं बना पा रही है तो जनता के दवाब से उसे शक्ति मिलती है। मंदिर के लिए पूरे देश को खड़े होने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का राजनीति से कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा, “इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। हमें एक भव्य राम मंदिर की जरूरत है। यह बिल्कुल वैसे बनना चाहिए जैसा हमने सोचा है। यह उन्हीं हाथों से बनना चाहिए जिन्होंने इसे 80 के दशक में बनाने का प्रयास किया था। इसके लिए हमें पूरे समाज को जुटाना होगा।”

उन्होंने कहा कि समाज कानून के अनुसार नहीं बल्कि मन के अनुसार चलेगा। उन्होंने कहा, “दुनिया में हर जगह ऐसा ही है। कानून को इसे समझने की जरूरत है, वहीं समाज कानून का सम्मान करता है।”
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उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण उसकी प्राथमिकता नहीं है। अदालत ने 2010 में निर्णय किया था कि भगवान राम का जन्म वहां हुआ था। यह उनका स्थान है। तब एक उम्मीद जागी थी कि राम मंदिर का निर्माण होगा। लेकिन मामला एक नई पीठ के पास चला गया जिसने इसे फिर आगे बढ़ा दिया। अदालत ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि यह उसकी प्राथमिकता नहीं है।”

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