राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर उठे सवाल, आरोपियों को मिलेगी सजा

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर लगे घोटाले के आरोपों पर विवाद बढ़ता जा रहा है। बता दें कि दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में खरीदने को लेकर अब ट्रस्ट के सदस्य भी सवाल उठाने लगे हैं। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि जितना क्षेत्रफल है उसकी तुलना में इस भूमि का मूल्य 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट है जो बाजार मूल्य से बहुत कम है। मालिकाना हक का निर्णय करना बहुत जरूरी था जो कराया गया। हमने जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। अभी बैनामा कराया जाना बाकी है।

इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि सभी लेनदेन बैंक टू बैंक हुए हैं और टैक्स में कोई चोरी नहीं की गई है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि आरोप लगाने वालों ने आरोप से पहले ट्रस्ट के पदाधिकारियों से तथ्यों की जानकारी नहीं ली। उन्होंने समाज को भ्रमित किया है। भ्रमित न हों और मंदिर समय सीमा में पूरा करने में सहयोग करें। वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अगर आरोप साबित हो जाते हैं तो दोषियों पर कार्रवाई होगी।

Ram Mandir to be built in 3 years at a cost of Rs 1,100 crore, says temple  treasurer

गौरतलब है कि सपा के पूर्व विधायक नारायण पांडे उर्फ पवन पांडे ने आरोप लगाया था कि राम मंदिर के लिए ट्रस्ट ने दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ रुपए में खरीदी। उन्होंने आरोप लगाया है कि 12,080 वर्ग मीटर की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने दो करोड़ में खरीदी थी। इसका बैनामा भी दो करोड़ में भी हुआ। लेकिन 10 मिनट बाद इसी जमीन को ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपए में खरीद लिया। ऐसे में उन्होंने जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगाया है।

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