यहां खुले आसमान के नीचे विराजे हैं देवाधिदेव महादेव

रामराजमेरठ-पौड़ी हाईवे पर रामराज कस्बे के पास सैफपुर फिरोजपुर नामक स्थान पर प्राचीन शिव मंदिर है। यहां भगवान भोलेनाथ खुले आसमान के नीचे विराजे हैं। यह ऐसा अद्भुत मंदिर है, जिस पर कभी छत नहीं बन सकी। जब भी इस मंदिर पर छत डालने की कोशिश की गई तो यह टिक न सकी। श्रावण मास में इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने के लिए दूरदराज से लाखों श्रद्धालु आते हैं। शिवरात्रि पर यहां भव्य मेला लगता है।

बिना छत वाले इस शिवमंदिर का पौराणिक महत्व है। मान्यता है कि महाभारत काल में ऋषि दुर्वासा ने यहां कठोर तपस्या की थी। जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध चल रहा था तब अपने पुत्रों की विजय के लिए आशीर्वाद मांगने कौरवों की माता गांधारी एवं पांडवों की माता कुंती दुर्वासा ऋषि के पास पहुंची थीं। उसी समय आकाशवाणी हुई कि जिस किसी की ओर से यहां शिवलिंग पर पहले फूल चढ़ाए जाएंगे, विजय उसी को मिलेगी। पांडवों की ओर से भगवान इंद्र ने आकाश से शिवलिंग पर फूलों की वर्षा कर पांडवों को विजयश्री का आशीर्वाद दिलाया था। मुगलकाल में यहां एक गाय आकर खड़ी होती थी, जिसके थनों से स्वत: ही दूध निकलता था। खुदाई की गई तो इस स्थान पर शिवलिंग मिला जिस पर गाय व त्रिशूल की आकृति बनी हुई थी।

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