रामपुर में हिंसक प्रदर्शन में आज़म खाँन के कई करीबियों के नाम भी मुकदमों में शामिल

REPORT:-Faheem Khan/Rampur

यूपी के रामपुर में  21 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में रामपुर जल उठा जो रामपुर गंगा जमुनी तहजीब के लिए पुर अमन शहर कहलाता था.

उसको दाग लगा caa के विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर पत्थरबाज़ी लाठीचार्ज और आगजनी जैसी घटनायें हो जाने से रामपुर दिल रो पड़ा हिंसा में 141 नामजद और हज़ारो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ.

रामपुर

जिसमें अब सूखे और गीले सब जलने लगे है यानी कसूरवारों के साथ बेगुनाह भी जेल जा रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रामपुर में हिंसा हुई क्यो और किसके इशारे पर हुई.

अगर पुलिस प्रशासन की मानें तो वह लोग सीधे तो नही लेकिन समाजवादी पार्टी के आधा दर्जन लोग जो कि सांसद आज़म खाँन के बेहद करीबी है को पुलिस ने मुकदमे में नामजद कर हिंसा का ठीकरा इशारो इशारो में आज़म पर ही फोड़ दिया लव्वोलुआव यह है कि इस 21 दिसम्बर की हिंसा को आजम खान शह पर हुआ मान लिया गया।

अयोध्या में सूर्यग्रहण के चलते कराया गया अनुष्ठान, ब्राह्मणों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

इस तरह से देखे तो सपा या आज़म खाँन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही मिली लेकिन सपा के रामपुर पूर्व पालिका अध्यक्ष अज़हर खाँन का नाम fir में दर्ज किया गया और साथ ही सपा के युवा नेता आज़म खाँन के बेहद करीबी साथी मुमताज़ फूल का नाम भी fir में दर्ज है।

अब मामला राजनीतिक हो चला है सियासी पार्टिया सियासी तीर जमकर चलाने में लगी ऐसे में हिंसा में नामजद आरोपी मुमताज़ फूल ने अपना सफाई वाला वीडियो जारी कर एक और सनसनी फैला दी उन्होंने पुलिस प्रशासन पर सीधे बदले की भावना से मुकदमा दर्ज करने की बात की है ।

21 दिसम्बर को हुई हिंसा में नामजद मुमताज़ फूल ने वीडियो जारी किये है,हिंसा को आज़म खान के करीबी मुमताज़ फूल (पूर्व छात्र नेता, व सपा नेता & अधिवक्ता) के ऊपर लूट, डकैती, मर्डर का मुक़दमा दर्ज होने के बाद उन्होंने अपनी सफाई में बयान दिया।

LIVE TV