सीएम योगी के हाथ से एक झटके में जाएंगे 56 हजार करोड़!

योगी सरकारनई दिल्ली। यूपी चुनाव के दौरान किए वादे को योगी सरकार ने पूरा करने की कवायद शुरू कर दी है। वैसे तो भाजपा ने कई वादे किए थे लेकिन इनमें सबसे अहम था, यूपी के स्लाटर हाउस बंद करने का वादा। इसे लेकर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि सरकार बनने की रात 12 बजे से पहले ही इसे बंद कर दिया जाएगा, जो कि नहीं हो पाया। अब योगी सरकार इस मुद्दे पर ज्यादा देर कर अपनी किरकिरी नहीं कराना चाहती।

बीजेपी के यूपी चुनाव प्रचार के दौरान किए वादे पर अमल होना भी शुरू हो गया है, क्योंकि इलाहाबद नगर निगम ने दो अवैध कत्लखानों पर ताला लटका दिया है। आगे का भी प्लान एकदम साफ है। बता दें कि यूपी देश का सबसे ज्यादा मीट उत्पादन करने वाला राज्य है।

भले ही सरकार पूरे राज्य से स्लाटर हाउस खत्म करने जा रही हो, लेकिन ये योगी के लिए भी इतना आसान नहीं होगा। अगर ऐसा है तो ये यूपी को सालाना 11 हज़ार 350 करोड़ रूपये राजस्व का नुकसान हो सकता है।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, यूपी के एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि यूपी ने साल 2014-15 में 7,515 लाख 14 हज़ार किलो भैंस के मीट का उत्पादन किया।

साथ ही 1171 लाख 65 हज़ार किलो बकरे का मीट और 230 लाख 99 हज़ार किलो भेड़ के मीट का उत्पादन किया था। इसके अलावा 1410 लाख 32 हज़ार किलो सुअर के मांस का भी उत्पादन किया था।

एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) ने साल 2011 में एक लिस्ट बनाई थी, जिसके मुताबिक देशभर में सरकार से मान्यता प्राप्त करीब 30 बूचड़खाने थे, जिसमें से आधे यूपी में ही थे। साल 2014 में इनकी संख्या और बढ़ी। ये कत्लखाने 30 से 53 हो गए।

फ़िलहाल यूपी में इनकी संख्या 100 पार बताई जा रही है। राज्य में अवैध कत्लखानों की संख्या भी सौकड़ों में है। इतनी बड़ी संख्या में इनके खुलने में सपा सरकार ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की।

सबसे ज्यादा भैंस का मीट एक्सपोर्ट हुआ

साल 2016 में इंडिया ने 26,681.56 करोड़ रुपये की कीमत का 13,14,158.05 मीट्रिक टन भैंस का मीट एक्सपोर्ट किया था। मुस्लिम देशों में ज्यादातर एक्सपोर्ट होता है। यूपी के स्लाटर हाउस को 15 साल से बड़े भैंसे या बैल या फिर अस्वस्थ्य नस्ल को काटने की इजाजत है।

योगी सरकार से ऐसे होगा ‘नुकसान’-

अगर सरकार एक्सपोर्ट पर रोक लगा देती है तो 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक 11 हज़ार 350 करोड़ राजस्व की कमी हो सकती है। इस हिसाब से कम से कम 5 साल के लिए क़त्लखानों को बंद कर दिया जाए तो उस हिसाब से 56 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान होगा। साल 2015-16 में यूपी ने तकरीबन 5,65,958.20 मीट्रिक टन भैंस का मीट एक्सपोर्ट किया था।

एपीईडीए की 2014 की रिपोर्ट बताती है कि यूपी फ़िलहाल देश में सबसे ज्यादा मीट का उत्पादन करने वाला राज्य है। इसकी भागीदारी 19.1 फीसद है जबकि आंध्र प्रदेश की 15.2 फीसद। इनके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है जिसकी भागीदारी 10.9 है।

योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनने के बाद कहा था कि घोषणापत्र के सारे वादे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उसी घोषणापत्र में कत्लखाने को बंद करने का भी वादा भी शामिल है।

सरकार ने कत्लखानों को बंद करने की बात कही थी लेकिन अभी ये साफ नहीं है कि भैंस के मांस का कारोबार करने वालों को ही टारगेट करेगी या फिर अन्य मीट के अन्य उत्पादों में कारोबार करने वालों को भी टारगेट करेगी। क्योंकि अब ये कहा जा रहा है कि सभी नहीं बल्कि अवैध कत्लखानों को बंद किया जाएगा। अवैध दो तरह से होते हैं। एक वो जो कानूनी प्रक्रिया में छेड़छाड़ के साथ चल रहे हो। दूसरे वो जहां गाय को भी काटना शुरू कर दिया जाए।

 

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