सीएम की कुर्सी पर बैठते ही भटक गए योगी, बिना सच जाने लिया ये बड़ा फैसला, खतरे में सरकार

योगी बिगड़े उत्तर प्रदेशलखनऊ। उत्तर प्रदेश की कमान मिलने के बाद योगी बिगड़े उत्तर प्रदेश की दशा और दिशा सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं जिसमें वह अब तक कई बड़े फैसले ले चुके हैं। लेकिन इन फैसलों में से कुछ तो उनके निर्णय को चार चांद लगा रहे हैं वहीं कुछ फैसलों से योगी की नासमझी भी झलकती है। योगी आदित्यनाथ के द्वारा लिया गया एंटी रोमियो दल के गठन का फैसला तो काफी अच्छा है इससे काफी हद तक लड़कियों और महिलाओं से होने वाली छेड़खानी पर लगाम लगेगी।

सीएम योगी के इस दल के गठन के बाद से ही मानों हड़कंप सा मच गया है। हांलाकि ये बात भी सच है कि  राज्य में महिलाओं संग अपराध के मामले बाकी राज्यों की तुलना में बहुतायत में होते रहते हैं। लेकिन इन मामलों में ज्यादातर सड़क पर घूमने वाले रोमियो से ज्यादा पीड़िता के रिश्तेदारों या परिवार वालों का हाथ रहता है। ऐसे में कई शरीफ रोमियों तो बेवजह बलि का बकरा बन जाएंगे।

एनसीआरबी के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2015 में दर्ज हुए बलात्कार के कुल मामलों में से 95 फीसदी कांड तो पीड़िता के परिचित और रिश्तेदार-पड़ोसी ने ही किए थे। वहीं प्रदेश की हालत तो और भी बदतर है क्यों कि ये आंकड़े वाकई चौकाने वाले थे। उत्तर प्रदेश में रेप के 98 प्रतिशत मामलों में आरोपी पीड़िता का पूर्व परिचित ही था।

उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए रेप के 3025 मामलों में से 1083 में पीड़ित महिला के पड़ोसी ही आरोपी निकले। वहीं 143 मामलों में पीड़िता का लिव-इन पार्टनर आरोपी था। यदि हम महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की बात करें तो साल 2015 में पूरे देश में महिलाओं के साथ हुए अपराधों के सबसे ज्यादा मामले (35,527) योगी के राज्य में ही दर्ज किए गए थे।

इन आंकड़ों पर नजर डालने के बाद एक बात तो साफ तौर पर जाहिर है कि महिला सुरक्षा के नाम पर यूपी की हालत बेहद ही दयनीय है। ऐसे में यहां महिला की सुरक्षा के मामले में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। योगी सरकार के द्वारा लिया गया ये फैसला कहां तक इन घटनाओं और महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर लगाम लगाएगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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