इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में कुछ ऐसी ही एडवाइजरी जारी की थी और इस बात का उल्लेख किया था AnyDesk एप प्राइवेसी की अनुमति मांगता है। इस एप के जरिये साइबर ठग दूर बैठे-बैठे ही आपके स्मार्टफोन को कंट्रोल कर लेते हैं और बैंकिंग ट्रांजेक्शन कर लेते हैं।
हालांकि ऐसा नहीं है कि AnyDesk एप एक मालवेयर एप है और इसी काम के लिये इस्तेमाल की जाती है। प्ले स्टोर और एपल स्टोर पर तमाम ऐसी एप्स मौजूद हैं, जो जिन्हें इंस्टॉल करने के बाद किसी भी स्मार्टफोन को कंट्रोल किया जा सकता है।
असल में AnyDesk एप आईटी प्रोफेशनल्स के लिये बड़े काम का टूल है, इसके जरिये वे घर बैठे ही ऑफिस के कंप्यूटर को एक्सेस कर सकते हैं।
AnyDesk के सीओओ ओड्रिक मुलर के मुताबिक 165 देशों के 17 हजार कंपनियों से जुड़े लाखों लोग इस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। कंप्यूटर की सुरक्षा के लिये इस एप में बैंकिंग स्टैंडर्ड TLS 1.2 टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है और हर कनेक्शन को RSA 2048 एनक्रिप्शन के जरिये वेरिफाई किया जाता है।
एचडीएफसी बैंक का कहना है कि ये ठगी करने वाले लोग खुद को बैंक का कर्मचारी या किसी बैंकिंग संस्थान से जुड़ा बताते हैं। उसके बाद किसी ट्रिक से आपके स्मार्टफोन में ऐसी एप डाउनलोड करने के लिये बोलेंगे और आपके अकाउंट्स की डिटेल्स हासिल कर लेंगे।
AnyDesk का कहना है कि सोशल मीडिया साइट्स और व्हाट्सएप पर इस एप के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है, क्योंकि लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है और आईटी उद्योग से ताल्लुक नहीं रखने वाले बेहद कम लोग इस एप के बारे में जानते हैं।
- ठगी तभी संभव है जब कोई आपके स्मार्टफोन डिवाइस का कंट्रोल हासिल कर ले।
- उनका कहना है कि हम यूजर्स से कहते हैं कि वे उन्ही लोगों के साथ कोड शेयर करें, जिन्हें वे पहले से जानते हैं।
- अगर कोई किसी बैकिंग संस्थान से जुड़े होने का दावा करता है, तो उस संस्थान में फोन करके उसके बारे में जानकारी हासिल करें।
- यूजर्स सीधे भी AnyDesk की टीम को संपर्क कर सकते हैं, जिसके बाद उनकी टीम उस फ्रॉड के यूजर्स राइट्स हमेशा के लिये ब्लॉक कर सकती है।